UPSC की तैयारी करने के लिए 3 साल के मासूम बेटे से हो गई दूर,सहने पड़े लोगों के ताने...लेकिन बन गई IAS
करियर डेस्क. कहते हैं इंसान को कुछ हासिल करने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है। लेकिन अगर मंजिल पाने के लिए अपने जिगर के टुकड़े से दूर जान पड़े तो सोच कर भी दिल सिहर उठता है। लेकिन आज हम अपने इस अंक में आपको एक ऐसी ही IAS अफसर की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे अपनी मंजिल पाने के लिए अपने 3 साल के मासूम बेटे से पूरे 2 साल दूर रहना पड़ा। लेकिन बेटे से दूर होने के गम व कुछ कर गुजरने की तमन्ना के बीच इस लड़की ने वो कर दिखाया जो लोगों के लिए एक मिसाल बन गया। आज हम आपको UPSC के 2017 बैच में दूसरी रैंक हासिल करने वाली अनु कुमारी की कहानी आपको बताने जा रहे हैं।
अनु कुमारी हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली हैं। उनके पिता एक स्थानीय हॉस्पिटल के HR डिपार्टमेंट में थे। अनु चार भाई बहनो में दूसरे नंबर पर हैं।
सोनीपत से ही इंटरमीडिएट करने के बाद अनु ने दिल्ली के हिंदू कॉलेज में एडमिशन लिया । वह रोजाना सोनीपत से दिल्ली ट्रेन के जरिए अप-डाउन करती थीं। अनु को अपना घर छोड़ना अजीब सा लग रहा था इसलिए उन्होंने हॉस्टल में रहने के बजाय रोज आना-जाना ज्यादा ठीक समझा।
अनु को PG के बाद ICICI बैंक में जॉब मिल गई। उसी दौरान उनकी शादी बिजनेसमैन वरुण दहिया से हो गई। शादी के बाद अनु ने बैंक की नौकरी छोड़ दी। उन्हें कर 20 लाख के पैकेज पर एक इंश्योरेंश कम्पनी में जॉब मिल गई। उन्हें एक बेटा भी हो गया जिसका नाम विहान रखा गया।
अनु के मामा शुरू से ही अनु को UPSC की तैयारी करने के लिए प्रेरित करते रहते थे। लेकिन बेटे की जिम्मेदारी के साथ नौकरी से अनु खुद को मेंटली तैयार नहीं कर पा रही थी। उन्हें इसमें इंट्रेस्ट तो था लेकिन वह पहले खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करना चाहती थी।
2016 में अनु के मामा ने उनके भाई के साथ मिलकर चोरी-छुपे अनु का UPSC का फॉर्म भरवा दिया । यह बात जानकर अनु ने UPSC क्रैक करने के लिए मन में ठान लिया। उन्होंने अपनी 20 लाख के पैकेज की जॉब छोड़ दी। लेकिन अनु के पास प्री की तैयारी करने के लिए सिर्फ डेढ़ महीने थे। उन्होंने दिल लगाकर तैयार की लेकिन पहली बार में कुल 1 मार्क से वह कटऑफ लिस्ट में आने से रह गईं।
अब अनु ने सिविल सर्विस क्रैक करने का लक्ष्य बना लिया। उन्होंने अपने बेटे को अपनी मां के पास छोड़ दिया, और तैयारी करने अपनी मौसी के घर आ गईं। उनके पति ने भी पूरा सपोर्ट किया। लेकिन महज तीन साल के बेटे से अलग होना आसान नहीं था। जब भी उसकी याद आती अनु खूब रोती थी। उधर बेटा भी अपने मां के लिए खूब रोता था। कुछ लोग ये भी कहते थे की कितनी पत्थरदिल मां है जो मसूम बेटे को छोड़कर पढ़ाई कर रही है।
अनु ने साल 2017 में फिर से UPSC का एग्जाम दिया। इस बार उन्होंने UPSC में टॉप किया और दूसरा रैंक हासिल करने में सफलता प्राप्त किया।