जापान में थी एक करोड़ सैलरी, कुछ अलग करना था इसलिए इंडिया आ गए...जबरदस्त तैयारी की और बन गए IPS
फरवरी में CBSE बोर्ड के साथ अन्य बोर्ड के एग्जाम भी स्टार्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही बैंक, रेलवे, इंजीनियरिंग, IAS-IPS के साथ राज्य स्तरीय नौकरियों के लिए अप्लाई करने वाले स्टूडेंट्स प्रोसेस, एग्जाम, पेपर का पैटर्न, तैयारी के सही टिप्स को लेकर कन्फ्यूज रहते है। यह भी देखा जाता है कि रिजल्ट को लेकर बहुत सारे छात्र-छात्राएं निराशा और हताशा की तरफ बढ़ जाते हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए एशिया नेट न्यूज हिंदी ''कर EXAM फतह...'' सीरीज चला रहा है। इसमें हम अलग-अलग सब्जेक्ट के एक्सपर्ट, IAS-IPS के साथ अन्य बड़े स्तर पर बैठे ऑफीसर्स की सक्सेज स्टोरीज, डॉक्टर्स के बेहतरीन टिप्स बताएंगे। इस कड़ी में आज हम अयोध्या के SSP व 2012 बैच के IPS अधिकारी आशीष तिवारी की सफलता की कहानी आपको बताने जा रहे हैं।
Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2020 5:28 AM IST / Updated: Feb 05 2020, 11:22 AM IST
आशीष मूल रूप से मध्य प्रदेश के इटारसी के रहने वाले हैं।
उनके पिता कैलाश नारायण तिवारी, रेलवे इटारसी में सेक्शन इंजीनियर हैं। आशीष की 12वीं तक की पढ़ाई इटारसी के केंद्रीय विद्यालय में हुई। इसके बाद 2002 से 2007 तक उन्होंने कानपुर आईआईटी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक और फिर एमटेक कम्प्लीट किया।
2007 में आशीष का कैंपस सिलेक्शन लंदन की कम्पनी में हो गया। वह लंदन की लेहमैन ब्रदर्स कंपनी में सिलेक्ट हुए, जहां उन्होंने डेढ़ साल काम किया। इसके बाद उन्होंने जापान के नोमुरा बैंक में डेढ़ साल जॉब की। वहां उनका सालाना पैकेज 1 करोड़ से भी अधिक था। दोनों बैंकों में एक्सपर्ट एनालिस्ट पैनल में उनका सिलेक्शन हुआ था। लेकिन उनके मन में शुरू से ही देश सेवा का जज्बा था।
2010 में आशीष अपने वतन वापस लौट आए। उन्होंने 1 करोड़ के पैकेज वाली जॉब छोड़ दिए। इंडिया वापस आकर वह सिविल सर्विस की तैयारी में लग गए। 2011 में आशीष का सिलेक्शन आईआरएस इनकम टैक्स विभाग में हुआ। इसमें उन्हें 330वीं रैंक मिली। इसके बाद 2012 में उनका आईपीएस में सिलेक्शन हुआ। इसमें उन्होंने 219वीं रैंक हासिल की। 2013 में उनका आईपीएस ट्रेनिंग के दौरान एक बार फिर आईपीएस में सिलेक्शन हुआ और उन्हें 247वीं रैंक मिली।
आशीष इस समय अयोध्या के SSP हैं। वह तकरीबन 1 साल से वहां तैनात हैं। अयोध्या विवाद पर आए फैसले के बाद जब पूरे विश्व की निगाह अयोध्या पर टिकी थी तब SSP आशीष तिवारी की सूझबूझ से अयोध्या में कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटी। अयोध्या में पूरी से अमन शान्ति रही। जिसके बाद उन्हें बीते गणतंत्र दिवस पर डीजीपी ने पुरस्कृत भी किया था।
IPS आशीष तिवारी ने प्रतियोगी छात्रों के लिए बताया कि कॉम्पटेटिव एग्जाम के तैयारी करने वाले छात्रों को कभी नर्वस नहीं होना चाहिए। वह अपने सब्जेक्ट की पूरी तैयारी रखें। जब वह ऑन्सर दें तो मन में ये जरूर रहे कि पैनल अगला प्रश्न क्या करेगा। ऑन्सर देते समय पैनल को अपने स्ट्रॉन्ग प्वाइंट या सब्जेक्ट की ओर ले जाने की कोशिश करें । पैनल के सामने आप हम्बल रहिए। ज्ञानी मत बनिए, जिससे उनको लगे कि आप सीख रहे हैं। झूठ मत बोलिए और गेस (अनुमान) मत करिए। हर ऑन्सर में पॉजिटिव सोच रखिए। अपना कॉन्फिडेंस मजबूत रखिए। ऑन्सर नहीं आने पर आराम से कह दीजिए कि ये मुझे नहीं आता है।