Success Story: नौकरी और डांसिंग क्लास के साथ की UPSC की तैयारी, स्मार्ट स्ट्रेटजी से IAS बनी ये लड़की

करियर डेस्क. Success Story: दोस्तों, आपने बहुत से ऐसे कैंडिडेट्स के बारे में सुना होगा जो नौकरी के साथ किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं। ये कैंडिडेट्स कड़ी मेहनत से दो जगहों पर संतुलन साधकर सफलता की सीढ़ी चढ़ रहे होते हैं। पर सुनने में ये बहुत अजीब लगता है कि हम कोई एक नौकरी करते हुए पढ़ाई कैसे करें? कैसे तैयारी करें? UPSC जैसी सबसे मुश्किल परीक्षा को खतरनाक डेडिकेशन मांगती है। इसलिए हम आपको आज एक फुल टाइम वर्कर के अफसर बनने की कहानी सुना रहे हैं। ये हैं हमारी आज की टॉपर ऐसी कैंडिडेट्स हैं जिनके ऊपर काम दबाव या मजबूरी नहीं थी फिर भी उन्होंने हमेशा काम करते हुए ही परीक्षा की तैयारी की। ये हैं नदिंनी महाराज (IAS Topper Nandini Maharaj) जिन्होंने फुल फोकस, कम पढ़ाई और स्मार्ट स्ट्रेटजी से IAS अफसर बनने का सपना पूरा किया-

Asianet News Hindi | Published : Feb 27, 2021 9:28 AM IST / Updated: Feb 27 2021, 03:13 PM IST
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Success Story: नौकरी और डांसिंग क्लास के साथ की UPSC की तैयारी, स्मार्ट स्ट्रेटजी से IAS बनी ये लड़की

नदिंनी उन कैंडिडेट्स में से हैं जो हमेशा किताबों में नहीं घुसी रह सकती। इसके उलट वे मानती हैं कि भले दिन-रात किताबों में न डूबे रहें पर जितना पढ़ें, अच्छे से और दिल लगाकर पढ़ें। इसी मंत्र के साथ नदिंनी ने परीक्षा की तैयारी की, जॉब किया और अपनी हॉबी डासिंग को भी पूरा समय दिया। इस प्रकार के शेड्यूल के साथ भी दूसरे प्रयास में उनका चयन हो गया। एक इंटरव्यू में नदिंनी ने परीक्षा की तैयारी के विषय में खुलकर बात की। उन्होंने कैंडिडेट्स को अपनी स्ट्रेटजी के जरिए एजुकेटर जॉब के साथ UPSC की तैयारी के टिप्स भी दिए।

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नदिंनी डिसीप्लीन फॉलो करने वाली इंसान रही हैं। उनके माता-पिता दोनों ही ब्यूरोक्रेट्स हैं। शायद इसलिए नदिंनी को अनुशासित माहौल में जीने की आदत थी। वो स्कूल टाइम से ब्राइट स्टूडेंट रही हैं। बारहवीं के बाद नदिंनी ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीए ऑनर्स हिस्ट्री में डिग्री ली।छ इसके बाद पीजी के लिए वे यूके चली गईं और अप्लाईड ह्यूमन राइट्स में एमए किया।

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डांसिंग, टीचिंग और UPSC की तैयारी

 

नदिंनी को डांसिंग और बच्चों को पढ़ाने का बहुत शौक था। अपने करियर के किसी भी मोड़ पर नदिंनी ने इन दोनों कामों को कभी नहीं छोड़ा। वे मानती हैं कि दिमाग को फ्रेश रखने के लिए हर कैंडिडेट को थोड़ा समय अपनी हॉबीज को देना चाहिए। नदिंनी चाहे इंडिया में रहीं, चाहें विदेश में उन्होंने पोल डांसिंग और बच्चों को पढ़ाने का काम कभी बंद नहीं किया।

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उनके टीचिंग के लगाव को तो इस बात से ही समझा जा सकता है कि पीजी के बाद उन्होंने एक कोचिंग में हिस्ट्री पढ़ाने का जिम्मा ले लिया और यूपीएससी में अपना ऑप्शनल हिस्ट्री को ही चुना। इस प्रकार जब वे दूसरे कैंडिडेट्स को हिस्ट्री पढ़ाती थी तो उनका खुद का रिवीजन भी हो जाता था।

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नंदिनी के टिप्स –

 

नदिंनी कहती हैं कि वे अपनी हॉबीज और जॉब के बाद दिन के 6 से 7 घंटे ही पढ़ाई के लिए निकाल पाती थी जो उनके हिसाब से काफी है। नदिंनी मानती हैं कि ठीक से टाइम मैनेज किया जाए तो इतना समय बहुत है। सबसे पहले नदिंनी सिलेबस देखने और उसी के हिसाब से किताबें चुनने की सलाह देती हैं। वे कहती हैं टॉपिक्स के बारे में पता करने के दो ही तरीके हैं, या तो सिलेबस देखें या फिर पिछले साल के प्रश्न-पत्र हल करें। इससे भी आपको विभिन्न टॉपिक्स और उनसे कैसे प्रश्न पूछे जाते हैं, यह पता चल जाता है।

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पहले अटेम्प्ट में सेलेक्ट न होने के पीछे कारण नदिंनी ऐस्से और एथिक्स पेपर को कम महत्व देना मानती हैं। साथ ही उन्हें मैप्स में समस्या आती थी। इन सभी प्वॉइंट्स पर उन्होंने दूसरे प्रयास में काम किया और इन्हें सुधारा। वे तैयारी के लिए टॉपर्स के इंटरव्यू भी देखने की सलाह देती हैं हालांकि उनका यह भी मानना है कि सुने सबकी पर करें मन की यानी वही करें जो आपके लिए ठीक हो। अपनी स्ट्रेटजी अपने हिसाब से बनाएं।

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जब नदिंनी का मेन्स में हो गया तो वह कोई रिस्क लेना नहीं चाहती थी और इंटरव्यू के लिए जी जान लगाकर तैयारी करने लगीं। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लायी और दूसरे प्रयास में 42वीं रैंक के साथ उनका चयन हो गया।

 

नदिंनी दूसरे कैंडिडेट्स को यही सलाह देती हैं कि अगर ठीक से प्लानिंग की जाए और ध्यान केंद्रित करके पढ़ाई करें तो आप पढ़ाई के साथ दूसरे काम करते हुए भी एग्जाम क्रैक कर सकते हैं।

 

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