UPSC में फेल होने वालों की नब्ज पकड़कर इस IAS ने दिए खतरनाक टिप्स, इस तैयारी से 100 % मिलेगी सक्सेज

करियर डेस्क. UPSC essay writing tips via IAS Chahat Bajpai: यूपीएससी परीक्षा का दायरा यूं तो बहुत बड़ा होता है और निबंध लेखन उसका एक छोटा सा हिस्सा मात्र है पर विशेषज्ञों की मानें तो इस पेपर को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह पेपर इस बात में अहम भूमिका निभाता है कि आपको चयन के बाद कौन सी सर्विस मिलेगी। कुल मिलाकर इस पेपर की आपकी रैंक सुधारने में अहम भूमिका होती है। कई बार कैंडिडेट यह गलती करते हैं कि वे निबंध के पेपर को ज्यादा महत्व नहीं देते। कभी-कभी यह गलती बहुत भारी पड़ जाती है क्योंकि यहां गाय, त्यौहार, स्कूल या बेस्ट फ्रैंड पर निबंध लिखने नहीं आता। बल्कि बहुत खतरनाक विषयों पर आपकी पकड़ परखी जाती है। आपसे समस्याओं के हल मांगे जाते हैं। निंबध के महत्व को देखते हुए आज हम इसी विषय पर बात करेंगे जो upsc कैंडिडेट्स के काम आएगा।  साल 2018 की टॉपर चाहत बाजपेयी, जिनकी 59वीं रैंक आयी थी अपने अनुभव हमारे साथ शेयर करेंगी कि कैसे प्रभावशाली तरीके से निबंध लिखा जाए।

Asianet News Hindi | Published : Aug 19, 2020 9:35 AM IST

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UPSC में फेल होने वालों की नब्ज पकड़कर इस IAS ने दिए खतरनाक टिप्स, इस तैयारी से 100 % मिलेगी सक्सेज

चाहत कहती हैं कि ऐस्से के लिए यह रवैया बिलकुल न अपनायें कि बाकी तैयारियां करते हैं, निबंध में क्या है, उसको एंड में देख लेंगे। कई बार कैंडिडेट्स को लगता है कि दो-तीन ऐस्से प्रैक्टिस करने से ही वे इसमें अच्छे अंक ला सकते हैं तो ऐसा कतई नहीं है। यह एक ऐसा विषय है जिसकी तैयारी आपको अलग से स्ट्रैटजी बनाकर करनी होगी। इसके साथ ही अगर आप अच्छा लिखते हैं या आपको पढ़ने में रुचि है तो भी ये न समझें कि आपके लिए निबंध लिखना बड़ी बात नहीं। सच तो यह है कि आप कैसे भी बैकग्राउंड के हों आपको ऐस्से के लिए उतनी ही मेहनत करनी होगी जितनी किसी और को।
 

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 चाहत अपना केस बताती हैं कि पहले उन्हें लगता था कि जो लोग ब्लॉग या अखबार के लिए लिखते हैं या जो इंग्लिश लिटरेचर के स्टूडेंट्स होते हैं, वे ही अच्छा निबंध लिख सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। यूपीएससी के निबंध के लिए सभी को अलग से तैयारी करनी ही पड़ती है, इस बात को समझते हुए कि यूपीएससी के ऐस्से में आखिर क्या और कैसे लिखा जाता है।

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ज्यादा सजावटी भाषा का नहीं किया प्रयोग –

 

चाहत कहती हैं कि यूं तो सबका अपना लिखने का तरीका होता है पर अगर उनके व्यक्तिगत अनुभव की बात करें तो वे टॉपर अनु कुमारी की बात मानते हुए ऐस्से लिखती थी जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐस्से पानी पीने जैसा होना चाहिए। यानी इतना सरल जिसे पानी की तरह एक बार में पिया जा सके, कहीं रुकना न पड़े न कहीं कुछ ऐसा हो जो समझ न आये, जो पानी की तरह बह जाए।

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चाहत ने ऐसा ही किया उन्होंने बहुत सजावटी भाषा या भारी शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि साधारण लेकिन प्रभावी तरीके से अपनी बात कही।

 

 

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चाहत दूसरा अहम बिंदु मानती हैं निबंध में कविता या कोट्स का इस्तेमाल। वे कहती हैं उन्होंने ऐसे बहुत से कॉमन कोट्स आदि तैयार कर रखे थे जो निबंध में डाले जा सकें पर एक बात का ध्यान यहां रखें कि चूंकि आपने इन्हें तैयार कर लिया है इसका मतलब यह नहीं कि आप जबरदस्ती इन्हें डालें ही। जहां उचित हो केवल वहीं इनका प्रयोग करें।

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कुछ निबंध पहले से तैयार करके देखें –

 

चाहत कहती हैं निबंध लिखने की जमकर प्रैक्टिस करें और कुछ निबंधों का मैटीरियल पहले से तैयार करके रखें। जब आप पिछले सालों के पेपर उठाएंगे तो देखेंगे की कुछ विषय हैं जिन पर हर साल प्रश्न आते ही आते हैं। कम से कम इनकी शुरुआत और अंत तैयार कर लें क्योंकि यह एग्जामिनर पर गहरा असर डालते हैं। निबंध की प्रैक्टिस करने का यह फायदा होता है कि आपको हॉल में बैठकर यह नहीं सोचना पड़ता कि किस विषय को चुनें क्योंकि अभ्यास के दौरान आप अपना झुकाव जान चुके होते हैं।

 

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इसके साथ ही अगला जरूरी प्वॉइंट है निबंध के विषय के हिसाब से राइटिंग स्टाइल का चुनाव करना। जैसे कोई निबंध पास्ट, प्रेजेंट और फ्यूचर स्टाइल में लिखना ठीक रहता है तो कोई पास्ट, प्रेजेंट सिचुएशन, प्रॉब्लम्स, सॉल्यूशन मोड में। देख लें कि आपका विषय किस तरह से अच्छे से एक्सप्रेस किया जा सकता है, उसी तरीके को आपनाएं।

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विषय से न भटकें –

 

चाहत निबंध लिखते समय एक बात का ध्यान रखने के लिए सभी को कहती हैं कि विषय से न भटकें, जो पूछा गया है वही बताएं उसके आगे-पीछे की कहानी नहीं। वे अपना अनुभव शेयर करती हैं कि, मैं तो निबंध लिखते समय बार-बार पेज पलटकर देखती थी कि कहीं विषय से अलग तो नहीं जा रही क्योंकि अपने पिछले अटेम्पट में वे ऐसी गलती कर चुकी थी। चाहत आगे कहती हैं कि अभ्यास करने से आपकी स्पीड भी बढ़ती है जो इस पेपर के लिए बहुत जरूरी है।  इसके साथ ही वे टॉपर्स की कॉपीज देखने और ऑनलाइन वेबसाइट्स जो इस संबंध में जानकारी देती हैं से ऐस्से राइटिंग स्टाइल पर ध्यान देने के लिए भी कहती हैं।  हो सके तो टेस्ट दें ताकि आपको पता चल सके कि आपके ऐस्से में कहां कमी है। 

 

 

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किसी सीनियर से अपने निबंध चेक करवाएं ताकि गलतियां जान सकें। चाहत कहती हैं कि निबंध को पूरा महत्व दें और रोज एक निबंध लिखने की प्रैक्टिस करें।  अपना खुद का स्टाइल डेवलेप करें किसी को कॉपी न करें। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप निश्चित ही ऐस्से के पेपर में अच्छा स्कोर कर सकते हैं।

 

(Demo Pic)

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