12वीं के बाद 4 साल का कोर्स, फिर ऐसी नौकरी लगेगी कि हर साल मिलेंगे 50 लाख रुपए, विदेशों में है काफी डिमांड

भोपाल. आज वर्ल्ड हेल्थ डे है। इस मौके पर हम आपको एक ऐसे कोर्स के बारे में बता रहें हैं जिसे करने के बाद आप लाखों रुपए के पैकेज में देश के अवाला विदेश में भी नौकरी कर सकते हैं। कोर्स का नाम है ऑक्यूपेशनल थैरेपी। भारत में इसकी शुरुआत भारत में 1950 में हुई थी, लेकिन आज भी इस क्षेत्र में थैरेपिस्ट की संख्या कम है। ऑक्यूपेशनल थैरापी का संबंध शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों की देखभाल से है। इसमें उनकी रोकथाम, देखभाल और पुनर्वास पर ध्यान दिया जाता है। शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर लोगों की देखभाल करने वाले प्रोफेशनल को ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट कहा जाता है। 27 अक्टूबर को विश्व ऑक्यूपेशनल थैरेपी जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 7, 2021 5:58 AM IST / Updated: Apr 07 2021, 11:39 AM IST

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12वीं के बाद 4 साल का कोर्स, फिर ऐसी नौकरी लगेगी कि हर साल मिलेंगे 50 लाख रुपए, विदेशों में है काफी डिमांड

4 वर्षीय डिग्री कोर्स
प्रवेश के लिए 12वीं बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री में अच्छे प्रतिशत के साथ पास होना अनिवार्य है। ऑक्यूपेशनल थैरेपी चार वर्षीय डिग्री कोर्स है। इसमें 6 महीने की इंटर्नशिप भी अनिवार्य है। बैचलर डिग्री करने के बाद मास्टर डिग्री और डॉक्टरल डिग्री भी कर सकते हैं। मास्टर डिग्री पीडियाट्रिक्स, न्यूरोसाइंसेस, मेंटल हेल्थ, हैंड रिहैबिलिटेशन कम्युनिटी रिहैबिलिटेशन में उपलब्ध है और मास्टर डिग्री करने के बाद ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट अपने स्पेशलाइजेशन को और बढ़ा सकते हैं। ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट सरकारी संस्था, प्राइवेट संस्था, विद्यालय, डे केयर सेंटर में अच्छी खासी मांग है।

 

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आवश्यक स्किल्स
यह एक ऐसा प्रोफेशन है, जिसमें छात्रों को संवेदनशील होने से लेकर वैज्ञानिक नजरिया तक अपनाना पड़ता है, क्योंकि इसमें उन्हें मरीजों के दुःख को समझ कर उसके हिसाब से उपचार करने की जरूरत होती है। अच्छी कम्युनिकेशन स्किल, टीम वर्क, मेहनती, रिस्क उठाने और दबाव को झेलने जैसे गुण इस प्रोफेशन के लिए बहुत जरूरी हैं। अधिकांश काम मेडिकल उपकरणों के सहारे होता है, इसके लिए उनका ज्ञान बहुत जरूरी है।

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कौन-कौन से कोर्स
बीएससी इन ऑक्यूपेशनल थेरेपी (ऑनर्स)
बीएससी इन ऑक्यूपेशनल थेरेपी
बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी
डिप्लोमा इन ऑक्यूपेशनल थेरेपी
एमएससी इन फिजिकल एंड ऑक्यूपेशनल थेरेपी
मास्टर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी

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देश में प्रमुख संस्थान
नेशनल इंस्टीटय़ूट फॉर द ऑर्थोपेडिकली हैंडिकैप्ड, कोलकाता
पं. दीनदयाल इंस्टीटय़ूट फॉर फिजिकली हैंडिकैप्ड, नई दिल्ली
ऑल इंडिया इंस्टीटय़ूट ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन, मुंबई
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लौर
केएमसीएच कॉलेज ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी, कोयम्बटूर
यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, चेन्नई

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इन पदों पर मिल सकता है काम
ऑक्यूपेशनल थेरेपी टेक्निशियन, कंसल्टेंट, ऑक्यूपेशनल थेरेपी नर्स,  रिहैबिलिटेशन थेरेपी असिस्टेंट, स्पीच एंड लैंग्वेज थेरेपिस्ट,  स्कूल टीचर,  लैब टेक्निशियन और मेडिकल रिकॉर्ड आदि पदों पर काम मिलता है।

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फ्रीलांसर बन कर सकते हैं काम
अगर आप लोगों की मदद करने में दिलचस्पी रखते हैं तो यह फील्ड आपके लिए है। मौजूदा समय में लोग मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक समस्याओं का सामना करते हैं। ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट ऐसे विकारों को दूर करने के लिए काम है। इस फील्ड में फ्रीलांसर के तौर पर भी काम किया जा सकता है या फिर किसी संस्थान में आप जॉब पा सकते हैं।

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विदेशों में भी अच्छे अवसर
विदेशों में भी इस क्षेत्र में कैरियर के अच्छे अवसर उपलब्ध हैं। अमरीका में ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट की औसत सालाना सैलरी 70 हजार डॉलर यानी करीब 50 लाख रुपए के आसपास होती है। भारत में शुरुआत में वेतन अपेक्षाकृत कम होता है, लेकिन कुछ साल बाद अनुभव मिलने पर काफी आकषर्क वेतन मिलता है।

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