असरानी ने जेलर की भूमिका निभाई थी, जो अक्सर कहते थे, हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं। इस फिल्म के एक सीन में नाई बने केश्टो मुखर्जी उनके पास जय और वीरू के जेल से भागने का प्लान बताने जाता हैं। उस समय घड़ी में तीन बज रहे होते हैं। इसके बाद जब जय और वीरू जेलर से मिलने जाते हैं, तब भी घड़ी की सूई तीन पर ही अटकी रहती है।