मूल रूप से बर्मा की रहने वालीं हेलन के पिता का सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय निधन हो गया, जिसके बाद उन्हें देश छोड़ना पड़ा। कठिनाइयों का सामना करते हुए उनका परिवार पहले असम पहुंचा और फिर कोलकाता। लेकिन इस सफर में उन्होने अपने भाई को खो दिया। हेलन की मां तब नर्स का काम करती थीं और उनकी कमाई से घर का खर्च नहीं चल पाता था, ऐसे में हेलन ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और मां का सहारा बनने के लिए काम तलाशने लगी।