सुपरहिट हुई थी मदर इंडिया, फिर भी नरगिस ने क्यों लिया फिल्मों से संन्यास ?

Published : Jun 01, 2022, 07:00 AM IST

एंटरटेनमेंट डेस्क.फिल्मी दुनिया के सुनहरे दौर की सबसे हसीन अदाकारा नरगिस दत्त अगर आज जिंदा होतीं तो वह 92 साल की होतीं। कोलकाता में 1 जून 1929 को पैदा हुई यह बेमिसाल कलाकार 40 साल पहले दुनिया छोड़ गई। पर सिर्फ 52 साल की जिंदगी में फिल्म इंडस्ट्री और समाज के लिए उन्होंने जो कुछ किया उसका कोई सानी नहीं। आइए जानते हैं नरगिस से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...

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सुपरहिट हुई थी मदर इंडिया, फिर भी नरगिस ने क्यों लिया फिल्मों से संन्यास ?

नरगिस का नाम आते ही अक्सर लोग राजकपूर के साथ उनकी सुपरहिट जोड़ी को याद कर बैठते हैं। पर चुनौतियों और मुश्किलों से भरी उनकी जिंदगी से जुड़े कई ऐसे अफसाने हैं जिनकी चर्चा भी नहीं होती। 

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खूबसूरत आंखों और सुरीली आवाज वाली इस महानायिका ने महज पांच साल की उम्र में ही फिल्मी दुनिया में कदम रख दिया था।  शुरुआती 8 साल तक वह चाइल्ड आर्टिस्ट का किरदार करती रहीं। उसके बाद सिर्फ 14 साल की उम्र में नरगिस लीड एक्ट्रेस के तौर पर पहली बार फिल्म तकदीर में दर्शकों के सामने आईं। उसके बाद नरगिस के तकदीर का सितारा लगातार बुलंद होता गया।

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राजकपूर के साथ नरगिस की पहली फिल्म आग थी जो साल 1947 में आई थी। जानकार हैरानी होगी पर वह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई। फिर 1949 में महबूब खान के डायरेक्शन में बनी फिल्म अंदाज और आरके बैनर की दूसरी फिल्म बरसात ने नरगिस और राजकपूर की जोड़ी सुपरहिट बना दी। उसके बाद दोनों करीब डेढ़ दर्जन फिल्मों में साथ काम किया पर दिल का रिश्ता टूटा तो यह बेमिसाल अदाकारा भी अंदर से बुरी तरह टूट गईं।

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साल 1956 में राजकपूर और नरगिस की जोड़ी वाली आखिरी फिल्म चोरी-चोरी रिलीज हुई। उसके बाद दोनों ने कभी साथ काम नहीं किया। कहते हैं कि फिल्मी परदे के सबसे बड़े शोमैन से संबंध तोड़ने के बाद यह अदाकारा जिंदगी से इतनी बेजार हो गई कि फिल्म इंडस्ट्री से भी नाता तोड़ लिया। हालांकि तब तक वह महबूब खान की ऐतिहासिक फिल्म मदर इंडिया के लिए करार कर चुकी थीं। इसे यादगार बनाने के लिए नरगिस ने फिल्म में अपनी पूरी आत्मा उड़ेल दी। उस फिल्म के लिए नरगिस का ऑस्कर पुरस्कार के लिए भी नामांकन हुआ था।

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मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान ही नरगिस के जीवन का दूसरा अध्याय शुरू हुआ। हुआ यूं कि फिल्म की शूटिंग के दौरान सेट पर आग लग गई जिसमें वह बुरी तरह घिर गईं। तब फिल्म में उनके बेटे का रोल कर रहे सुनील दत्त ने अपनी जान पर खेलकर उनकी जान बचाई। उसके बाद दोनों की करीबी बढ़ी और रिश्ता सात जनमों के बंधन में तब्दील हो गया।।

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1967 में रिलीज हुई रात और दिन में नरगिस का एक बार फिर कमबैक जरूर हुआ पर वह उनकी आखिरी फिल्म थी। उस फिल्म के लिए  उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। पर उसके बाद नरगिस ने रुपहले पर्दे को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

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इसके बाद नरगिस को लगा कि कोई ऐसा इंसान है जो अपने आप से ज्यादा उन्हें वैल्यू दिया। इसके बाद वो राजकपूर से रिश्ता तोड़कर सुनील दत्त की हो जाती हैं। राजकपूर बताते हैं कि जब वो मेरे साथ आती जाती थी तब सैंडल नहीं पहनती थी। क्योंकि हमारा कद बराबर था। एक बार जब वो मेरे से मिलने आई तो हाई हील्स पहनी थी। मैं 20 मिनट तक सैंडल को घूरता रहा। जब वो गुजरात में मदर इंडिया की शूटिंग कर रही थी तो उनका ड्राइवर मेरे पास आया और बोला की मैडम ने हाई हील्स और हारमोनियम मंगाए हैं। तब मैं समझ गया था कि उसकी जिंदगी में कोई लंबे कद का इंसान आ गया है। सुनील दत्त छह फीट के थे। 

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