मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि यह हवेली 5 मंजिला थी। बाद में भूकंप आने के कारण इसमें दरारें पड़ गईं और इसकी ऊपरी तीन मंजिलों को ढहा दिया गया। इसमें 40-50 कमरे थे। इसका निर्माण 1918 से 1922 के बीच करवाया गया। उस वक्त ये हवेली आलीशान निर्माणों में से एक थी। हालांकि, बाद में धीरे-धीरे रखरखाव की कमी का असर हवेली पर दिखने लगा और उसकी दीवारें जर्जर हो गई।