मैं जब उसके घर पहुंचा तो मैंने पूछा कि अचानक क्यों बुलाया है? उसने कहा, कुछ नहीं आज लूडो खेलेंगे तुम्हारे साथ। मैंने कहा, भाई सुबह-सुबह लूडो खेलने कौन बुलाता है। इस पर वो बोला, नत्थी भइया काहे इतनी टेंशन लेते हो, जिंदगी है मजे लो। वो एक खुशमिजाज इंसान था और सबसे मिल-जुलकर रहता था।