हालांकि, शादी के बाद भी उन्हें कई सालों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़े, क्योंकि वह चेतना की बेटी आरुणी को अपना नाम देना चाहते थे। 1998 से लेकर 2004 तक चली लड़ाई के बाद कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया और आरुणी को उन्होंने अपनी बेटी के रूप में अपनाया। वह अपने परिवार से बहुत प्यार करते हैं।