नई दिल्ली. श्रीलंका के महान ऑफ स्पिनर मुरलीधरन 48 साल के हो चुके हैं। उनके नाम टेस्ट में 800 विकेट लेने का अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है, पर कभी यही मुरलीधरन 80 विकेट लेने के लिए भी तरस रहे थे। दरअसल साल 1995 में ऑस्ट्रेलिया के अंपायर ने उनके गेंदबाजी एक्शन पर सवाल खड़े कर दिए थे और उनकी गेंदों को नो बॉल देना शुरू कर दिया था। इसके बाद भारत को डॉक्टर मनदीप ने उनके लिए प्लास्टिक की एक पट्टी बनाई थी, जिसकी मदद से उनका गेंदबाजी एक्शन सुधरा और उनकी गेंदे लीगल मानी जाने लगी। यह डॉक्टर फिलहाल PGIMER चंडीगढ़ में प्रोफेसर के रूप में काम करते हैं। उनका ध्यान अभी भी खेल से जुड़ी चोटों पर रहता है और वो लगातार कई चोटिल खिलाड़ियों का इलाज करते रहते हैं।
डॉक्टर मनदीप की वजह से ही मुरली इंटरनेशनल क्रिकेट में दोबारा गेंदबाजी कर पाए और कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए।
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साल 1995 में उनके एक्शन पर सवाल उठने के बाद ही डॉ. मनदीप ने उनकी मदद की थी और उनके एक्शन में बदलाव आया था।
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मनदीप फिलहाल अपने परिवार के साथ चंडीगढ़ में रहते हैं और मुरली जैसे कई खिलाड़ियों की मदद करते रहते हैं।
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मनदीप भारतीय हॉकी टीम के फिजियो भी रह चुके हैं। उन्होंने 2004 में भारतीय हॉकी टीम के साथ पाकिस्तान का दौरा किया था।
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मनदीप पेशे से डॉक्टर हैं जबकि उनकी पत्नी गोल्फ खेलना पसंद करती हैं और पक्षियों को देखना उन्हें काफी पसंद है।
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खिलाड़ियों के साथ साथ मनदीप अपनी फिटनेस का भी खासा ख्याल रखते हैं। इस उम्र में भी वो काफी फिट हैं।
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मेडिकल के क्षेत्र में शानदार कार्य के लिए उनका सम्मान भी हो चुका है।
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मनदीप का मानना है कि भारत में स्पोर्ट्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों की अभी भी कमी है। यही वजह है कि चोटिल होने पर हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी विदेशों में जाकर ही अपनी सर्जरी कराते हैं।
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इस मामले में उनका कहना है कि विदेशों में कंधे की चोट से लेकर घुटने और कमर की चोट के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर होते हैं, पर भारत में अभी भी इसकी कमी है।
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मुथैया मुरलीधरन आज भी मनदीप के आभारी हैं। अपने विदाई टेस्ट में उन्होंने डॉ. मनदीप विशेष अतिथि के रूप में बुलाया था।