अनुज के गांव में क्रिकेट खेलने के लिए ज्यादा जगह नहीं थी, इसलिए उन्हें घर से 5 किलोमीटर दूर प्रैक्टिस करने जाना पड़ता था। इसके साथ ही वह अपने पिता के साथ खेत पर भी काम करते थे। 2-3 साल गांव में प्रैक्टिस करने के बाद उनके पिता ने दिल्ली आने का मन बनाया, ताकि यहां बच्चे को अच्छी ट्रेनिंग मिल सकें।