एक हार के बाद कहा जा रहा 'गद्दार', टीम इंडिया तक ऐसा है गांव के लड़के खलील का सफर

नई दिल्ली. टी 20 सीरिज में बांग्लादेश से मिली करारी हार के बाद भारतीय टीम के बॉलर के. खलील अहमद लगातार चर्चा में हैं। खलील ने आखिर के ओवर में बांग्लादेश को अच्छे रन बनाने दिए जिसका खामियाजा भारत को 60 रनों से मिली हार के साथ चुकाना पड़ा। सोशल मीडिया पर लोग खलील अहमद पर ग़ुस्सा निकालने लगे। मैच ख़त्म होने के बाद भारत में ट्विटर पर #Khaleelahmad दूसरे नंबर पर ट्रेंड करने लगा। बांग्लादेशी खिलाड़ी मुशफ़िकुर के खलील की चार गेंदों पर चार चौके लगाने के बाद खलील अहमद को ट्रोलर्स गद्दार बुला रहे हैं। हालांकि लोग नहीं जानते कि कैसे छोटे से गांव में गलियों में क्रिकेट खेलने वाला ये लड़का आज टीम इंडिया में तेज रफ्तार बॉलर है। जानिए कभी क्रिकेट खेलने पर पिटाई खाने वाले खलील अहमद के करियर और घरेलू लाइफ के बारे में अनसुनी बातें....

Asianet News Hindi | Published : Nov 4, 2019 7:33 AM IST / Updated: Nov 04 2019, 01:49 PM IST

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एक हार के बाद  कहा जा रहा 'गद्दार',  टीम इंडिया तक ऐसा है गांव के लड़के खलील का सफर
सोशल मीडिया पर खलील अहमद को ट्रोल किया जा रहा है। खलील अहमद को ट्रोलर्स गद्दार बुला रहे हैं। ट्विटर पर ऐसे मीम्स शेयर किए जा रहे हैं।
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साल 2018 में बीसीसीआई की सीनियर चयन समिति ने एशिया कप के लिए भारत की 16 सदस्यीय टीम का ऐलान किया था। जिसमें राजस्थान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज खलील अहमद को पहली बार नेशनल टीम में जगह दी गई। खलील अहमद को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था।
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खलील अहमद की खासियत है उनकी रफ्तार और लाइन लेंथ। वह 145 किमी/घंटा की औसत रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं, इस दौरान गेंद पर उनका नियंत्रण भी शानदार रहता है। भारत के पूर्व स्टार तेज गेंदबाज जहीर खान ने भी खलील अहमद की तारीफ करते हुए उन्हें एक प्रतिभावान गेंदबाज बताया।
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राजस्थान से हैं अहमद- खलील का जन्म 5 दिसंबर को 1997 में राजस्थान के टोंक में हुआ है। 22 साल के खलील ने अब तक 17 लिस्ट ए मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 28 विकेट लिए हैं। उन्होंने राजस्थान का अंडर-16 और अंडर-19 के स्तर पर प्रतिनिधित्व किया।
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पिता चाहते थे डॉक्टर बने बेटा- भारतीय टीम में खेल रहे खलील के पिता उनको डॉक्टर बनते देखने चाहते थे। खलील के पिता एक कंपाउंडर हैं। उनको बेटे का क्रिकेट खेलना कभी पसंद नहीं आया। खलील अहमद की क्रिकेट खेलने पर घर में रोज पिटाई होती थी लेकिन खलील की जितनी पिटाई होती उतना ही क्रिकेट के प्रति उनका जुनून बढ़ता गया था।
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कोच ने पिता को मनाया- खलील के कोच इम्तियाज ने उनके पिता को मनाने में उनकी मदद की। खलील ने एक इंटरव्यू में बताया था कि टोंक में उन दिनों क्रिकेट को पढ़ने वाले बच्चों के लिए अच्छा नहीं माना जाता था लेकिन खलील ने बताया कि अब पिता उनके क्रिकेट खेलने से खुश हैं।
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राहुल द्रविड़ हैं खलील के गुरू- खलील अहमद पूर्व भारतीय बल्लेबाज राहुल द्रविड़ को अपना गुरू मानते हैं। द्रविड़ ने भी खलील के टैलेंट को पहचान उन पर हमेशा नजर रखी।
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खलील ने इंडिया-ए और अंडर-19 टीम में द्रविड़ की निगरानी में अच्छा खेल दिखाया। खलील 2016 में जब दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़े तो द्रविड़ इस टीम के मेंटर थे।
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3 करोड़ में खरीदे गए थे खलील- खलील पहली बार तब सुर्खियों में आए जब साल 2016 के आईपीएल सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन्हें 10 लाख रुपय में खरीदा और अपनी टीम में शामिल किया। हालांकि इस सीजन में खलील अहमद को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
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खलील अहमद 2016 में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के सदस्य थे। उन्होंने इस सीरीज में 12 विकेट चटकाए। फिर खलील को साल 2018 आईपीएल सीजन के लिए सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने 3 करोड़ रुपये में अपनी टीम में शामिल किया।
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खलील अहमद ने सिर्फ 2 गेंद फेंकी थी तभी उनको हुनर को पहचान कर अंडर-14 में सेलेक्ट कर लिया गया था। वह लेफ्ट हेंड से बॉलिंग करते हैं और टीम इंडिया में फास्ट बॉलर के रूप में अपनी जगह बनाए हुए हैं।
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