निजी अवसाद का जिक्र करते हुए शमी ने कहा, "मेरे मामले में घरवालों ने मुझे इस फेज से (अवसाद) बाहर निकाला। उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया। जब मैं आत्महत्या के बारे में सोच रहा था, तब मेरे परिवार ने यह सुनिश्चित किया कि मैं कभी अकेला न रहने पाऊँ। कोई न कोई (घरवाले) हमेशा पास रहता, मुझसे बात करता।"