दानिश कनेरिया को पाकिस्तान ने दी ऐसी सजा, घर परिवार भी चलाना हो गया था मुश्किल
नई दिल्ली. पाकिस्तानी हिंदू क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने अपने साथ हुए भेदभाव की पोल खोलकर रख दी है। उन्होंने बताया कि, कैसे हिंदू समुदाय से होने के कारण पाक क्रिकेट टीम में उनके साथ बदसलूकी की जाती थी। इतना ही नहीं इसका असर उनके करियर पर भी पड़ा है। कभी सुपरस्टार रहा ये खिलाड़ी आज गुमनाम जिंदगी जीने पर मजबूर है। दानिश कनेरिया का जन्म 16 दिसंबर, 1980 को कराची में गुजराती फैमिली में हुआ। वह शादीशुदा है एक बच्चे के पिता हैं और अब घर चलाने के लिए बच्चों को क्रिकेट सिखाते हैं। कनेरिया कई बार भारत आ चुके हैं लेकिन यहां उन्हें किसी ने नहीं पहचाना था। दानिश के घर की तस्वीरें देखेंगे तो आपको एहसास होगा किया पाकिस्तान में हिंदू होने के कारण कैसे एक खिलाड़ी को पीछे कर दिया गया। आइए जानते हैं दानिश के हालात के बारे में....
दानिश कनेरिया नाम कभी पाकिस्तान क्रिकेट में काफी पॉपुलर था, लेकिन आज ये स्टार क्रिकेटर गुमनाम सा है। कनेरिया इसी साल जनवरी में सुर्खियों में आए थे, जब मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि उन्होंने BCCI से मदद मांगी है।
कनेरिया के अनुसार हिंदू होने के कारण उनके साथ पाकिस्तान में भेदभाव हो रहा है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सांसद ने खुद इसका खुलासा किया था।
दरअसल दानिश के ऊपर लाइफटाइम बैन लगा हुआ है, इस मामले में कनेरिया की नवाज शरीफ सरकार इसलिए मदद नहीं कर रही क्योंकि वे हिंदू हैं। पाकिस्तान की पार्लियामेंट यानी नेशनल असेंबली की एक कमेटी के मेंबर्स ने ही यह खुलासा किया है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सांसद रमेश कुमार वंकवानी ने इंटर स्टेट को-ऑर्डिनेशन से जुड़ी नेशनल असेंबली की स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में कहा- "पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड दानिश प्रभाशंकर कनेरिया को फाइनेंशियल और कानूनी मदद नहीं दे रहा है, क्योंकि वे हिंदू कम्युनिटी से हैं।"
कुछ दिनों पहले भारत आए कनेरिया दिल्ली की एक शॉप में स्पॉट किए गए, पर किसी ने नहीं पहचाना।
सांसद रमेश ने कहा- "कनेरिया की मदद देश के दूसरे क्रिकेटर की तरह नहीं की जा रही है। कमेटी के एक और मेंबर इकबाल मुहम्मद अली ने भी कहा- "कनेरिया के पास पैसे नहीं हैं और वह खुद अपना केस नहीं लड़ सकता है। ऐसे में, पीसीबी को मदद करनी चाहिए।"
कनेरिया की फैमिली गुजरात के सूरत से है। वो पाकिस्तान की हिंदू गुजराती कम्युनिटी के हैं। कराची के एक गुजराती बिजनेसमैन कावस मुला की सलाह पर कनेरिया क्रिकेट में आए थे।
जनवरी, 2016 में आईं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कनेरिया ने कहा था, ‘मैं मर रहा हूं। पता नहीं कब तक सर्वाइव कर पाऊंगा।’ मेरे पास बहुत कम सेविंग्स बची हैं। मैं ज्वाइंट फैमिली में रहता हूं। गुजारा करना मुश्किल है। मुझे हिंदू होने के कारण ऐसी जिंदगी जीनी पड़ रही है, जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हैं।’
कनेरिया ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई से भी मदद मांगी थी। उन्होंने कहा था, ‘मैं यंग इंडियन्स को स्पिन बॉलिंग सिखा सकता हूं। BCCI मुझे कॉल क्यों नहीं करती। हालांकि, इस मामले पर विवाद बढ़ने पर कनेरिया इन बातों से पलट गए थे।
क्रिकेट से बैन होने के बाद कनेरिया अब स्कूली बच्चों को क्रिकेट की बारिकियां सिखा रहे हैं। वो कई टीवी शोज कर रहे हैं, जिसमें वो बतौर स्पेशल गेस्ट या एक्सपर्ट शामिल होते हैं। इसके अलावा वो कई सोशल इवेंट्स में भी हिस्सा लेते हैं।