नई दिल्ली. अंडर 19 वर्ल्डकप फाइनल में अपनी गेंदबाजी से सभी का ध्यान खींचने वाले रवि बिश्नोई का जीवन संघर्ष से भरा रहा है। राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला यह खिलाड़ी बचपन से ही तेज गेंदबाज बनना चाहता था। उस समय रवि के कोच प्रद्योत सिंह थे, जिनसे करीबन 5 लड़के क्रिकेट सीखना चाहते थे। इसी की बदौलत प्रद्योत सिंह और उनके दोस्त ने अपनी नौकरी छोड़कर पिच बनानी शुरू की। इस काम में लगातार 6 महीने तक रवि और उनके दोस्त भी लगे रहे। इसके बाद यहां अभ्यास शुरू हुआ और रवि अपना सपना पूरा करने चल पड़े। U-19 वर्ल्डकप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया पर फाइनल मैच में बदसलूकी के लिए ICC ने उनके नाम पर 7 डिमेरिंट पॉइंट दिए हैं।