सौरव गांगुली की बेटी सना ने किया CAA का विरोध, कुछ समय बाद ही डिलीट करना पड़ा पोस्ट
नई दिल्ली. जामिया मिल्लिया इस्लामिया में स्टूडेंट्स ने CAA के विरोध में प्रदर्शन किया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की और यूनिवर्सिटी के अंदर एक्शन लिया। पुलिस की कार्रवाई में कई स्टूडेंट्स के घायल होने की खबर आई। इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन आ रहे हैं। कुछ लोग पुलिस के पक्ष में लिख रहे हैं, तो कुछ लोग स्टूडेंट्स को सपोर्ट कर रहे हैं। इस मामले पर BCCI चीफ और इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की बेटी सना ने भी अपनी राय रखी। हालांकि सना ने कुछ समय बाद ही यह ट्वीट डिलीट कर दिया।
सना ने जामिया में स्टूडेंट्स को सपोर्ट करने के लिए साल 2003 में पब्लिश हुई खुशवंत सिंह की किताब ‘द एंड ऑफ इंडिया’ का एक हिस्सा इंस्टाग्राम पर शेयर किया।
सना ने लिखा "हर फांसीवादी हुकूमत को कम्युनिटी और ग्रुप्स की जरूरत होती है, जिन्हें दबाकर वो फल-फूल सकें। ये सब एक या दो ग्रुप से शुरू होता है। लेकिन ये वहीं खत्म नहीं होता। एक आंदोलन जो नफरत पर बना होता है, वो लगातार डर और झगड़े का माहौल बनाकर ही जारी रह सकता है।"
सना ने आगे लिखा "हममें से जो लोग इस वक्त सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि हम मुस्लिम या क्रिश्चियन नहीं हैं, हम बेवकूफों के पैराडाइज़ में रह रहे हैं। संघ पहले से ही लेफ्टिस्ट इतिहासकारों को और ‘पाश्चात्य तरीके’ से रहने वाले युवाओं को टारगेट कर रहा है। कल वो अपनी नफरत उन औरतों पर निकालेगा जो स्कर्ट पहनती हैं, उन लोगों पर निकालेगा जो मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, विदेशी फिल्में देखते हैं, तीर्थयात्रा में मंदिरों में नहीं जाते हैं, दंत मंजन की जगह टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं, वैद्य की जगह एलोपेथिक डॉक्टर्स के पास जाते हैं, ‘जय श्री राम’ बोलने की जगह हाथ मिलाकर या किस करके एक-दूसरे से मिलते हैं।
अपनी असुरक्षा की भावना जाहिर करते हुए सना ने लिखा कि "कोई भी सुरक्षित नहीं है। अगर हम भारत को जिंदा रखना चाहते हैं, तो हमें इन बातों का अहसास करना जरूरी है।"
बता दें कि CAA के मुद्दे पर सौरव गांगुली सहित देश के कई बड़े खिलाड़ियों ने कुछ भी नहीं कहा है, जबकि उनकी बेटी ने खुलकर अपनी राय रखी है।