35 रुपये में मजदूरी करते थे, 2011 में टीम इंडिया को बनाया विश्व चैंपियन, अब फिर गुमनाम है LIFE
नई दिल्ली. 2011 वर्ल्डकप में भारतीय टीम की जीत में अहम किरदार निभाने वाले मुनाफ पटेल आज गुमनामी की जिंदगी जीने पर मजबूर हैं। पटेल ने 2011 में 11 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम योगदान दिया था। उनके विकेट की संख्या भले ही बहुत ज्यादा ना रही हो पर हर समय मुश्किल हालातों में उन्होंने विपक्षी टीम के सबसे अहम खिलाड़ी को आउट किया। पटेल क्रिकेट में आने से पहले साउथ अफ्रीका की एक टाइल कंपनी में काम करते थे। उन्हें 8 घंटे काम करने के बाद 35 रुपये मजदूरी मिलती थी। हालांकि पैसे बहुत कम थे, पर घर में उनके पिता के अलावा कोई कमाने वाला नहीं था इसलिए उन्हें यह काम करना पड़ता था समय के साथ पटेल को इसकी आदत भी हो गई थी।
2011 वर्ल्डकप में पटेल भारत के लिए तीसरे सबसे सफल गेंदबाज थे। उनसे ज्यादा विकेट सिर्फ युवराज सिंह और जहीर खान ने लिए थे।
इसी टूर्नामेंट में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ मैच का आखिरी ओवर किया था। इस ओवर की आखिरी 2 गेंदों में उन्होंने सिर्फ 1 दिया था और मैच टाई करा लिया था।
2018 में मुनाफ पटेल ने क्रिकेट के हर फॉर्मेट से संन्यास ले लिया। उनका कहना था कि धोनी के अलावा उनके सभी साथी खिलाड़ी संन्यास ले चुके हैं, इसलिए अब वो भी संन्यास ले रहे हैं।
अन्य भारतीय तेज गेंदबाजों की तरह मुनाफ का जीवन भी चोट से भरा रहा। इसी वजह से उनका करियर 5 साल से ज्यादा तक नहीं खिंच सका।
साल 2019 में उन पर एक व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था। आरोप के अनुसार पटेल ने कहा था कि मोदी शाह सब मेरी जेब में हैं। यह सारे धंधे बंद कर दो।
आरोप लगाने वाले व्यक्ति का कहना था कि वो वड़ोदरा क्रिकेट समिति में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रहे हैं, जिसके खिलाफ पटेल ने उनके धमकाया था।
2011 वर्ल्डकप में पटेल ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में सिर्फ 40 रन देकर 2 विकेट निकाले थे।
भारत के लिए 13 टेस्ट खेलने वाले पटेल ने 35 विकेट झटके थे। इस दौरान उनका सर्श्रेष्ठ प्रदर्शन 97 रन देकर 7 विकेट रहा था।
वनडे में मुनाफ ने 70 मैचों में 86 विकेट निकाले हैं। 29 रन देकर 4 विकेट उनका सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रहा है।
63 IPL मैचों में उन्होंने 74 विकेट निकाले हैं। इस टूर्नामेंट में उन्होंने एक बार 5 विकेट भी झटके थे।