8 साल पहले इस क्रिकेटर को बताते थे कोहली का लेटेस्ट वर्जन, अब खेल नहीं कमेंट्री से करता है गुजारा
नई दिल्ली. 2011 वर्ल्डकप जीतने के बाद भारत की टीम बिखर रही थी। सचिन के रिटायर होने का समय आ रहा था, युवराज कैंसर से जूझ रहे थे और सहवाग का बल्ला नहीं चल रहा था। ऐसे समय में दिल्ली का एक लड़का इंटरनेशनल क्रिकेट में जमकर रन बरसा रहा था, नाम था विराट कोहली। 2012 में ही सचिन रिटायर हुए और इसी साल कोहली ने टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। उनके साथ ही दिल्ली का एक और लड़का सभी की नजरों में आया, जिसने कोहली के ही पदचिन्हों पर चलकर वर्ल्डकप 2012 जीतने का सफर पूरा किया था। मोहम्मद कैफ और विराट कोहली के बाद सिर्फ तीसरी बार कोई खिलाड़ी यह खिताब भारत लाया था। नाम था उन्मुक्त चंद। इस खिलाड़ी से भी भारत का दूसरा कोहली बनने की उम्मीद की जाने लगी फिर ऐसा क्या हुआ जो आज इस खिलाड़ी को अंडर 19 वर्ल्डकप में ही कमेंट्री करनी पड़ रही है।
Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2020 10:49 AM IST / Updated: Feb 06 2020, 04:22 PM IST
2012 वर्ल्डकप जीतने के बाद उन्मुक्त का नाम खूब चमका और उनका बल्ला भी खूब चला। जल्द ही इस खिलाड़ी को भारतीय टीम में जगह देने की बातें होने लगी।
इसी समय भारत के दोनों ओपनर वीरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर को खराब फॉर्म के चलते टीम से बाहर कर दिया गया, पर चयनकर्ताओं ने उन्मुक्त चंद को मौका देने की बजाय शिखर धवन के चुना और रोहित को ओपनिंग की जिम्मेदारी सौंपी।
चयनकर्ताओं का यह एक्सपेरीमेंट चल पड़ा और दोनों खिलाड़ियों ने खूब रन बनाए। विराट के साथ ढेरों साझेदारियां की और भारत के त्रिदेव के नाम से फेमश हो गए।
अब टीम इंडिया में किसी ओपनर की जनगह नहीं थी और उन्मुकित चंद अपनी फॉर्म भी खो चुके थे। उन्हें दिल्ली की टीम से भी बाहर किया जा चुका था।
2018 में उन्हें IPL में किसी भी टीम ने नहीं खरीदा। उन्मुक्त चंद के पास अभ खेलने के लिए कोई टूर्नामेंट नहीं था, पर उनकी मेहनत जारी थी।
इसके बाद उन्हें शैयद मुश्ताक अली ट्राफी में उन्हें मौका मिला और चंद ने पहले ही मैच में मुंह में पट्टी बंधी होने के बावजूद 116 रनों की जबरदस्त पारी खेली।
उन्मुक्त का कहना है कि वो एक ही गेंद को 12 तरीके से खेल सकते हैं। इससे पहले मास्टर ब्लास्टर एक गेंद को 5 तरीके से खेलने की काबीलियत रखते थे।
21 IPL मैचों में उन्मुक्त चंद ने 15 के औसत से 300 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 100 और सर्वोच्च स्कोर 58 रन रहा है।
उन्मुक्त फिलहाल दिल्ली की टीम से छुट्टी लेकर उत्तराखंड के लिए रणजी क्रिकेट खेल रहे हैं। इस सत्र में उन्हें अच्छे प्रदर्शन के साथभारतीय टीम में वापसी की उम्मीद है।
हाल ही में उन्हें अंडर-19 वर्ल्डकप के कमेंट्री बॉक्स में भी देखा गया था। यहां उन्होंने 2012 वर्ल्डकप से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया था।