FACT CHECK. कोरोना के मरीज को देखते ही उस पर टूट पड़ती है पुलिस, बोरे में भर कर देते हैं भर्ती
नई दिल्ली. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (COVID-19) से अब तक 7 हजार से ज्यादा मौते हो चुकी हैं। ये वायरस चीन से होकर ईरान, इटली, अमेरिका और भारत सहित दुनिया भर के कई देशों में पैर पसार चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। वायरस से संक्रमित लोग कम समय में ही मौत के मुंह में समाते जा रहे हैं। पर चीन में इस वायरस से मरने वालों और संक्रमित मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये चीन का जहां कोरोना के मरीजों को पुलिस पकड़कर ले जा रही है और उनको तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर वायरल हो रहे इस वीडियो की सच्चाई क्या है?
Asianet News Hindi | Published : Mar 18, 2020 8:59 AM IST / Updated: Mar 24 2020, 04:35 PM IST
चीन में हजारों की तादाद में लोगों की जान गई हैं। अब मेट्रो स्टेशन पर पुलिस कर्मियों का लोगों के साथ मारपीट करने और धरपकड़ने का ये वीडियो वायरल है। मैसेज में दावा किया गया है कि पुलिस उन लोगों पर नकेल कस रही है जो कोरोनावायरस से संक्रमित हैं। पुलिसकर्मियों काली मिर्च स्प्रे के लोगों को पकड़ रही है।
“हम यहां बैठकर.. व्हाट्सएप और फेसबुक पर.. कोरोना वायरस* का मजाक उड़ाने में लगे हुए हैं 🤔अगर.. कोरोना का असली कहर देखना है तो.. चाइना से आई इस वीडियो को देखें एक बार नहीं , दो बार नहीं , 3 बार बड़े ध्यान से देखें कि इस महामारी के शिकंजे में फंसे हुए लोगों को.. पकड़ने के लिए.. वहां पुलिस प्रशासन को कितनी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं आपका दिल भी दहल उठेगा इस वीडियो को देखकर। ”
वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये चीन का है पुलिस मेट्रो स्टेशन पर मरीजों को पकड़ रही है। कोरोना रोगियों को देखते ही पुलिस वाले उनपर टूट पड़ते हैं। उनको पकड़कर बंद किया जा रहा है। या अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है।
दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये वीडियो कोरोना मरीजों का नहीं है। वहीं इस वीडियो का कोरोना से कोई संबंध नहीं है। वीडियो को यूट्यूब पर सर्च करने के बाद हमने पाया कि ये वीडियो 1 सितंबर 2019 का है जिसमें हॉंगकॉंग में पुलिस प्रदर्शनकारियों को पकड़ रही थी। खबरें सामने आई थीं कि #HongKongProtestors को पुलिस ने पीटा भी था। Google पर इस घटना से जुड़ी कई खबरें और वीडियो मौजूद हैं। यह घटना पिछले साल सितंबर में हांगकांग में हुई थी। इसका कोरोना से कोई संबंध नहीं है पुलिस प्रोटेस्टर्स को पकड़ रही है न कि मरीजों को।
सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के प्रकोप के साथ फर्जी खबरें और दावे जमकर शेयर हो रहे हैं। भ्रामक जानकारी के साथ वीडियोज और फोटोज शेयर किए जा रहे हैं जिन पर भोरास करना घातक हो सकता है। ऐसे में इन्हें शेयर करने से बचें।
कोरोना वायरस का अभी तक कोई इलाज सामने नहीं आया है पर डॉक्टरों ने बचाव को ही इसका इलाज बताया है। कोरोना वायरस के फ्लू जैसे ही लक्षण है। चीन, इजरायल, अमेरिका में इसकी दवा बनाने पर रिसर्च और काम चल रहा है। साफ-सफाई का ध्यान रखें और संक्रमित लोगों से दूर रहें। फ्लू, बुखार, खांसी, कफ की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
WHO के हैंडवाशिंग दिशानिर्देशों के अनुसार हम ये कह सकते हैं कि, साधारण साबुन और पानी से सही ढंग से हाथ धोने पर वायरस को खत्म किया जा सकता है। किसी विशेष साबुन, हैंड सैनिटाइजर या एंटी-बैक्टीरियल प्रोडक्ट की भी जरूरत नहीं है। गंभीर समस्या होने पर परिवार को तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।