Corona Fact Check: तो क्या इस वेब सीरीज में दो साल पहले ही हो गई थी कोरोना वायरस की भविष्यवाणी?

Published : Mar 29, 2020, 03:59 PM ISTUpdated : Mar 29, 2020, 04:11 PM IST

नई दिल्ली. कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर रोजाना कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर वायरस की भविष्यवाणी की एक और क्लिप वायरल हो रही है। दुनिया भर के सोशल मीडिया यूजर्स कोरियन वेब सीरीज ‘माय सीक्रेट, टेरियस’ का एक सीन शेयर कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि इस वेब सीरीज के दसवें एपिसोड में नोवेल कोरोना वायरस महामारी की भविष्यवाणी की गई थी। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि इस बात में कितनी सच्चाई है?   

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Corona Fact Check: तो क्या इस वेब सीरीज में दो साल पहले ही हो गई थी कोरोना वायरस की भविष्यवाणी?
भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह और एक्टर मीरा चोपड़ा ने भी इस क्लिप को शेयर किया है। दिल्ली बीजेपी आईटी सेल के मुखिया पुनीत अग्रवाल ने भी इस सीन को ट्वीट कर लिखा कि ये शो ‘कोरोना वायरस नामक जैविक हथियार’ के बारे में बताता है।
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वायरल पोस्ट क्या है? कोरियन वेब सीरीज ‘माय सीक्रेट, टेरियस’ का एक एपिसोड का एक सीन काफी वायरल हो रहा है। उसको नीचे इंग्लिश सबटाइटल्स के साथ शेयर किया जा रहा है। क्लिप में दो एक्टर कोरोना वायरस को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
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क्या दावा किया जा रहा? अपनी बातचीत में, एक्टर्स कोरोना वायरस के बारे में कई जानकारियां देते हैं। जैसे - ये मानव-निर्मित म्यूटेंट वायरस है। इससे मृत्यु दर लगभग 90 फ़ीसदी हो सकती है। वायरस के संपर्क में आने के पांच मिनट के अंदर फेफ़ड़ों को नुकसान पहुंचाता है और मरीज की मौत हो जाती है। क्लिप देख सोशल मीडिया यूजर्स ने इस बातचीत के आधार पर दावा करना शुरू कर दिया कि इस शो में कोविड-19 महामारी के बारे में पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी। फिर चीन नहीं चेता।
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सच्चाई क्या है? ‘माय सीक्रेट, टिरियस’ (ओरिजिनल टाइटल ‘Nae Dwie Teriuseu’) 2018 में रिलीज़ हुई एक साइंस-फ़िक्शन ड्रामा सीरीज़ है। इसमें नेशनल इंटेलिजेंस सर्विस (एनआइएस) का एक एजेंट षडयंत्र में फंसे पति का पता लगाने के लिए एक महिला की मदद करता है। एक काल्पनिक सीरीज़ ने भविष्य के बारे में सच-सच बताया था, ऐसा दावा करना अपने आप में बेमतलब है। हालांकि, इस फ़ैक्ट-चेक के दौरान, हमने पाया कि सीरीज़ में जिस ‘म्यूटेंट कोरोना वायरस’ के बारे में कहा गया है वो नोवेल कोरोना वायरस से काफी अलग है।
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ड्रामा सीरीज़ में, म्यूटेंट कोरोना वायरस, संपर्क में आने के पांच मिनट के अंदर फेफ़ड़ों पर हमला करता है. कोरोना वायरस पर WHO का Q&A कहता है, “इनक्युबेशन पीरियड का अर्थ होता है, वायरस का संपर्क होने से बीमारी के लक्षण दिखने की शुरुआत तक की अवधि। कोविड-19 के मामले में इनक्युबेशन पीरियड 1-14 दिनों का है। सामान्य तौर पर पांच दिनों के अंदर लक्षण दिखने लगते हैं। वहीं कोरोना वायरस से मृत्यु दर 3-4 बताई गई है। वहीं कोविड-19 वायरस पांच मिनट के अंदर फेफड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाया है बल्कि इसके लक्षण सामने आने में 5 से 14 दिन तक लग सकते हैं।
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पूरी दुनिया में कोरोना से डर का माहौल है। कई देशों में लॉकडाउन हो चुका है। कई देश में दूसरे फेज का लॉकडाउन होने वाला है। भारत में भी कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर हजार के पार पहुंच गई है। वहीं अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना ने चीन, अमेरिका, इटली, ब्रिटेन और फ्रांस में कहर बरपा रखा है।

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