FACT CHECK: आखिर क्यों भयंकर वायरल है 'किसान रैप सॉन्ग', VIDEO की सच्चाई जानकर होगी हैरानी

Published : Feb 23, 2021, 05:06 PM ISTUpdated : Feb 23, 2021, 05:09 PM IST

फैक्ट चेक डेस्क. बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर सभी जगह एक 'किसान रैप सॉन्ग' वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक रैपर स्टेज किसानों की कहानी के लिरिक्स वाला गाना सुना रहा है। इस रैप सॉन्ग में किसानों की माली हालत को शब्दों में पिरोया गया है। गाना इतना दमदार है कि पूरा सुनकर शो के जज खड़े हो कर तालियां बजाते हैं। सोशल मीडिया पर इस गाने का क्लिप किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। यूजर्स का दावा है कि, मिस इंडिया कंटेस्ट के बाद MTV पर किसान आंदोलन का मुद्दा गूंज रहा है। इस वीडियो का ताजातरीन मामला बताकर भयंकर वायरल किया जा रहा है। फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?

PREV
15
FACT CHECK: आखिर क्यों भयंकर वायरल है 'किसान रैप सॉन्ग', VIDEO की सच्चाई जानकर होगी हैरानी

वायरल पोस्ट क्या है?

 

फेसबुक यूजर Sahib Virk ने पोस्ट शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा: मिस इंडिया कंटेस्ट के बाद एक बार फिर से गूंजा किसान आंदोलन का मुद्दा MTV पर जजों ने स्टैंडिंग ओवियेशन दी। बात निकली है तो दूर तलक जाएगी।

 

25

ट्विटर पर भी ये वीडियो जमकर शेयर किया जा रहा है। किसान रैप का नाम देकर इसे इस समय देश में चल रहे किसान आंदोलन से जोड़ा जा रहा है।

35

फैक्ट चेक

 

किसान आंदोलन से जोड़कर सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो की सच्चाई कुछ और ही है। दरअसल असलियत जानने जब हमने पड़ताल की तो पाया कि दावा भ्रामक है और वीडियो करीब दो साल पुराना है। वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट हमने गूगल रिवर्स सर्च इमेज किया तो गूगल पर हमें इसकी जानकारी मिली। पूरा वीडियो Abstracted TV नामक यूट्यूब चैनल पर EPR Rap सिंगर के नाम से मिला। ये किसान रैप गाना, संतनम श्रीनिवासन अय्यर उर्फ ईपीआर ने अक्टूबर 2019 में एमटीवी हसल शो में गाया था। ये तभी का वीडियो है और मौजूदा आंदोलन से जुड़ा नहीं है।

45

हमें यह वीडियो ईपीआर के वेरिफाइड इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी मिला। यहां उन्होंने यह वीडियो 15 अक्टूबर 2019 को अपलोड किया था।

55

ये निकला नतीजा

 

पड़ताल से साफ है कि, सोशल मीडिया पर वायरल किसान रैप सॉन्ग का हाल के आंदोलन से संबंध नहीं है। साथ ही अभी mtv पर कोई हंसल शो नहीं हो रहा है। वायरल पोस्ट के साथ किया गया दावा भ्रामक है। बता दें कि, नए कृषि कानून सितंबर 2020 में लागू हुआ था, जिसके बाद किसान आंदोलन शुरू हुआ।

Recommended Stories