क्या जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस को मिला हथियारों का जखीरा? वायरल तस्वीर के बहकावे में न आएं

नई दिल्ली. जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी कैंपस से पुलिस द्वारा बरामद किए गए हथियार की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस फोटो में भारी मात्रा असलहा दिखाया गया है। दावा किया जा रहा है कि, संशोधित नागरिकता कानून के मद्देनजर जामिया में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच विश्वविद्यालय परिसर में भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं। ये फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। वायरल हो रही तस्वीरों ने सैकड़ों लोगों को प्रभावित किया और लोग शेयर करने लगे। वायरल तस्वीरों की सत्यता जानने के लिए जब हमने फैक्ट चेकिंग की तो सच्चाई सामने आई.....

Asianet News Hindi | Published : Dec 20, 2019 10:15 AM IST
14
क्या जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस को मिला हथियारों का जखीरा? वायरल तस्वीर के बहकावे में न आएं
एक फेसबुक यूजर ने 16 दिसंबर को मलयालम भाषा में लिखा, 'ये जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में बरामद किए गए हथियार हैं। पीएफ हथियार और गोला-बारूद की ये फोटो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
24
फेसबुक पर कई अन्य यूजर्स ने एक ही मलयालम पोस्ट को अनुवाद कर धड़ाधड़ शेयर कर दिया। वहीं यह तस्वीर एक लंबी पोस्ट के शेयर की गई जिसमें लिखा था कि यह सब गोला-बारूद हथियार जामिया यूनिवर्सिटी से बरामद हुए हैं। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के बाद छापेमारी कर ये असलहा पाया है। हालांकि फैक्ट चेक में जांच-पड़ताल के बाद दावे की सच्चाई कुछ और ही निकली।
34
जामिया के नाम वायरल गूगल रिवर्स सर्च इमेज में हमने ये तस्वीर पाकिस्तान की एक खबर में पाई। खबर में लिखा था, “मर्दन विश्वविद्यालय में हुई हत्या की घटना के बाद कॉलेज वाप खुल गया है और छात्रावास की तलाशी के दौरान हथियार बरामद हुए। ”यह पाकिस्तानी अखबार डॉन द्वारा 22 मई, 2017 को प्रकाशित एक रिपोर्ट है। हथियार पाकिस्तान के मर्दन जिले में अब्दुल वली खान विश्वविद्यालय के छात्रावास से बरामद किए गए थे। यहां पुलिस ने मशाल खान की हत्या में शामिल 53 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। वहीं वायरल पोस्ट में दूसरी तस्वीर भी पाकिस्तान की है। शमा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार "इस्लामाबाद की एक लोकल अदालत में फायरिंग के आरोप में सात गिरफ्तार ये खबर 23 फरवरी, 2019 को प्रकाशित हुई थी। ये दोनों तस्वीरें जामिया यूनिवर्सिटी में हथियार बरामद के दावे के साथ वायरल की जा रही है जो कि सरासर गलत है।
44
निष्कर्ष में, पाकिस्तान से दो पुरानी और असंबंधित छवियां सोशल मीडिया पर एक झूठे दावे के साथ प्रसारित की गईं। जामिया यूनिवर्सिटी नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में सबसे आगे रहा है। इससे जुड़ी तमाम तरह की फेक न्यूज वायरल हो रही है।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos