Fact Check; कोरोना वायरस से जंग, रूस में लॉकडाउन के लिए पुतिन ने सड़कों पर छोड़े 800 शेर
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड 19) की महामारी को लेकर पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। दुनिया के कई हिस्सों में लॉक डाउन है और सोशल मीडिया पर भी सिर्फ इसी की चर्चा हो रही है। कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हैं। इन्हीं में से एक है रूस में लॉक डाउन को लेकर वायरल हो रही एक तस्वीर। तस्वीर में सड़क पर शेर घूमता नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि रूस में लॉक डाउन सुनिश्चित करने के लिए वहां के प्रेसिडेंट ब्लादिमीर पुतिन ने सड़कों पर शेर छुड़वा दिए हैं।
Asianet News Hindi | Published : Mar 23, 2020 7:39 AM IST / Updated: Mar 24 2020, 04:33 PM IST
वायरल पोस्ट में क्या दावा किया जा रहा है:- ट्विटर पर नसीर नाम के एक यूजर ने दो तस्वीरें साझा की हैं। एक फोटो रूस के प्रेसिडेंट ब्लादिमीर पुतिन की है। दूसरी तस्वीर में सड़क पर घूम रहा शेर नजर आ रहा है। तस्वीरों के नसीर ने लिखा, ब्लादिमीर पुतिन ने रूस को दो विकल्प दिए। आप दो हफ्ते घरों में रहें या पांच दिनों के लिए जेल जाएं। बीच का रास्ता नहीं है। रूस : लोगों को घरों में रखने के लिए ब्लादिमीर पुतिन ने 800 शेर और चीतों को पूरे देश में छोड़ा। हर कोई सुरक्षित रहे।
इस फोटो के साथ कुछ ऐसा ही मैसेज फेसबुक पर साझा किया गया है। कई लोगों ने इसे रीट्वीट और शेयर किया है। अमसोल्ड ग्रुप के चेयरमैन लॉर्ड शुगर ने भी एक न्यूज चैनल का ग्रैब शेयर किया है जिसमें किसी शहर में सड़क पर शेर घूमता दिख रहा है।
दावे की सच्चाई क्या है:- हालांकि जब हमने सड़क पर घूमते शेर की तस्वीर गूगल की तो दावे से अलग एक दूसरी ही कहानी नजर आई। 13 अप्रैल 2016 को CICA – Crime Intelligence and Community Awareness ने फेसबुक पेज पर शहर की गलियों में घूमते शेर की कई तस्वीरें साझा की हैं। दरअसल, ये तस्वीरें साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग के रिहायशी इलाके की हैं। (Photo: Facebook/CICA)
डेली मेल पर इस बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट भी है। इसके मुताबिक शेर का नाम कोलंबस है और ये अपने आप नहीं आया था बल्कि एक प्रोडक्शन क्रू ने शूटिंग के लिए लाया था। रिपोर्ट के मुताबिक यह पहली बार नहीं था जब कोलंबस को किसी शूट में इस्तेमाल किया गया।
निष्कर्ष :- सड़क पर घूम रहे शेर का कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन और रूस के साथ कोई संबंध नहीं है। फोटो चार साल पुरानी है जिसे अब कोरोना वायरस की महामारी फैलाने के बाद गलत दावे के साथ साझा किया जा रहा है।