'कोरोना से देश हो जाएगा बर्बाद'...रतन टाटा के नाम हुई इस भविष्यवाणी का सच अब आया सामने

नई दिल्ली. देश के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा के नाम से सोशल मीडिया पर कोरोना आपदा और लॉकडाउन के कारण आने वाले दिनों में भारत की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट की भविष्यवाणी की गई थी। टाटा के नाम मीडिया में प्रकाशित एक लेख शेयर किया जा रहा था। देश की बर्बादी की आशंका के साथ टाटा के नाम हिंदी और अंग्रेजी वर्जन में कुछ संदेश तेजी से वायरल हो रहे थे। लोगों ने इस पर भरोसा करना शुरू कर दिया था कि खुद रतन टाटा ने इस भविष्यवाणी की सच्चाई बताई है। फैक्ट चेकिंग में जानिए आखिर पूरा मामला क्या है? 

Asianet News Hindi | Published : Apr 11, 2020 3:28 PM IST / Updated: Apr 11 2020, 09:05 PM IST

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'कोरोना से देश हो जाएगा बर्बाद'...रतन टाटा के नाम हुई इस भविष्यवाणी का सच अब आया सामने
दरअसल वायरल पोस्ट में रतन टाटा के नाम से एक बयान लिखा गया है। रतन टाटा का हवाला देते हुए 'वेरी मोटिवेशनल ऐट दिस आवर' नाम के शीर्षक वाले बयान में इकोनॉमी पर कोरोना वायरस के प्रभाव का जिक्र किया गया है।
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हिंदी के साथ ही इसे अंग्रेजी भाषा में भी वायरल किया गया है। कहीं अखबार की कटिंग के रूप में इसे वायरल किया जा रहा है तो कहीं मैसेज के तौर पर शेयर किया जा रहा है। अब रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर इस खबर को शेयर करते हुए इसकी सच्चाई बताई है।
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वायरल पोस्ट क्या है? पहले तो आप ये जानिए कि आखिर वो भविष्यवाणी क्या है जो रतन टाटा वायरल हो रही है। दरअसल टाटा के नाम से प्रकाशित एक लेख में कहा गया कि, कोरोना की वजह से देश आने वाले समय में आर्थिक संकट से जूझेगा। इस मैसेज में लिखा है कि, विशेषज्ञ कह रहे हैं कि कोरोना की वजह से अर्थव्यस्था तहस-नहस हो जाएगी। मैं इन विशेषज्ञों के बारे में नहीं जानता हूं लेकिन मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि इन विशेषज्ञों को मानवीय प्रेरणा और जुनून के साथ किए गए प्रयासों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।'
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इसमें लिखा है कि, 'विशेषज्ञ कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था के भारी गिरावट की भविष्यवाणी कर रहे हैं। इस पोस्ट में देश-दुनिया में पहले हुईं ऐसे घटनाओं के बारे में लिखा गया है, जिनके बाद दुनिया पर संकट था, लेकिन दुनिया उससे उबर गई।
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क्या दावा किया जा रहा है? दावा किया जा रहा है कि रतन टाटा ने देश के भविष्य में संकट देख किसी अखबार में लेख लिखा है। उन्होंने इस लेख में कुछ ऐसे उदाहरण दिए गए हैं जिन्होंने नामुमकिन को मुमकिन किया है। रतन टाटा के नाम से प्रकाशित इस न्यूज में आगे कहा गया है, 'अगर विशेषज्ञों पर विश्वास करते तो द्वितीय विश्व युद्ध में पूरी तरह बर्बाद हो चुके जापान का कोई भविष्य नहीं होता लेकिन सिर्फ तीन दशक में जापान ने अमेरिका को पानी पिला दिया।
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क्या है सच्चाई? इस मैसेज के वायरल होने के बाद रतन टाटा भड़क गए। उन्होंने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसकी सच्चाई बताई। रतन टाटा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'ये बातें न तो मैंने कही हैं और न ही लिखी हैं। मैं आप सभी से अपील करता हूं कि व्हाट्सऐप और अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो रहे इस पोस्ट की सत्यता का पता लगाएं।' रतन टाटा ने आगे बताया कि मुझे कुछ कहना होता है तो मैं अपने आधिकारिक चैनल के जरिए कहता हूं। उम्मीद करता हूं कि आप लोग सुरक्षित होंगे और अपना खयाल रख रहे होंगे।'
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ये निकला नतीजा- दरअसल टाटा के नाम फर्जी लेख लिखकर वायरल किया जा रहा था। कुछ लोगों ने इसका इंग्लिश और हिंदी वर्जन दोनों फॉटोशॉप किया और वायरल कर दिया। रतन टाटा ने कोरोना के कारण देश में आर्थिक संकट की कोई भविष्यवाणी नहीं की है। उन्होंने खुद इस दावे को खारिज कर दिया।
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