इसके साथ ही भारत की पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक हैंडल पर भी इसे फेक मैसेज बताया है। PIB फैक्ट चेक के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया है- ‘दावा: व्हाट्सऐप मैसेज में दावा किया जा रहा है कि जो श्रमिक 1990 से 2020 के बीच काम कर चुके हैं, उन्हें श्रम मंत्रालय की ओर से 1 लाख 20,000 रुपये मिलेंगे। फैक्ट चेक: यह फेक खबर है। भारतीय सरकार द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। इस तरह की फर्जी वेबसाइट्स से सतर्क रहें।’