पाकिस्तान में पहली हिंदू DSP बनीं मनीषा रूपेता, इस वजह से पाक सेना में भर्ती होने का लिया फैसला

Published : Jul 30, 2022, 10:32 AM ISTUpdated : Jul 30, 2022, 12:28 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क : वह कहावत तो आपने सुनी होगी कि "खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है?" कुछ इसी तरह से पाकिस्तान में रहने वाली मनीषा रूपेता (Manisha rupeta) ने भी अपने आप को इतना बुलंद किया कि वह एक ऐसे देश में डीएसपी बनी है, जहां पर महिलाओं को आज भी ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के जकूबाबाद की, जहां पर लड़कियों को पढ़ने-लिखने की आजादी भी नहीं होती। ऐसे में मनीषा ने खुद को इतना सशक्त बनाया कि वह आज पाकिस्तान की पहली भारतीय हिंदू महिला डीएसपी बनी है। आइए आज हम आपको मिलवाते हैं मनीषा रूपेता से...  

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पाकिस्तान में पहली हिंदू DSP बनीं मनीषा रूपेता, इस वजह से पाक सेना में भर्ती होने का लिया फैसला

मनीषा रूपेता का जन्म सिंधी प्रांत के जैकोबाबाद में हुआ था। वह एक मीडिल क्लास परिवार से है। उनके पिता एक व्यवसायी थे। लेकिन  जब मनीषा 13 साल की थी तो पिता का निधन हो गया था। 

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मनीषा रूपेता की मां ने परिवार की जिम्मेदारी उठाई और अपने 5 बच्चों को लेकर वो कराची आ गई। बता दें कि मनीषा के घर में 4 बहन और 1 भाई है। मनीषा की तीन बहनें MBBS डॉक्टर हैं। उनका इकलौता और छोटा भाई भी मेडिकल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा है।

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दरअसल, जकूबाबाद में लड़कियों को पढ़ने-लिखने की इजाजत नहीं थी। अगर कोई पढ़ना भी चाहता है, तो सिर्फ मेडिकल की पढ़ाई ही कर सकता है। लेकिन मनीषा कम नंबरों के कारण MBBS की परीक्षा पास नहीं कर पाई। 
 

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मनीषा का रुझान भी शुरुआत से ही पुलिस की वर्दी पहनने में था, इसलिए वह अपने घर में बिना किसी को बताए सिंध लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी करती रहीं। 
 

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मनीषा रूपेता ने कड़ी मेहनत की और सिंध लोक सेवा आयोग में जगह बनाई। कुल 468 उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की और मनीषा ने 16वां स्थान हासिल किया।
 

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मनीषा कहती हैं कि "मैंने बचपन से ही पाकिस्तान में लड़कियां को थानों और अदालतों के अंदर जाते नहीं देखा। लड़कियां या तो डॉक्टर या शिक्षक बन सकती हैं, लेकिन पुलिस विभाग में शामिल होना बहुत सीमित है।" उन्होंने आगे कहा कि वह व्यवस्था में बदलाव लाना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने पुलिस की नौकरी।

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अब मनीषा पुलिस की एक बेहतर छवि पेश करने में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है, जिस पर बहुत से लोग अभी भी भरोसा नहीं करते हैं और कई तरह के अपराधों की रिपोर्ट नहीं करते हैं।
 

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