पाकिस्तान को धूल चटाने से लेकर महिलाओं के हक तक 2019 में मोदी सरकार के 10 सबसे ताकतवर फैसले
नई दिल्ली. 2019 अपने अंतिम दिनों में हैं। यह साल आर्टिकल 370 हटने से तीन तलाक तक कई बड़े और ऐतिहासिक फैसलों का गवाह रहा। हालांकि, सरकार के कुछ फैसलों पर विपक्ष ने विरोध भी किया। 2019 में देश का सबसे पुराना अयोध्या विवाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ खत्म हो गया। उधर, दोबारा सत्ता में आई मोदी सराकार ने एक के बाद एक कर घोषणा पत्र में मौजूद तीन बड़े मुद्दों को पूरा कर हैट्रिक भी लगाई। आईए इस साल के 10 बड़े और कड़े फैसलों पर एक नजर डालते हैं।
Asianet News Hindi | Published : Dec 21, 2019 6:52 AM IST / Updated: Dec 21 2019, 02:18 PM IST
बालाकोट एयरस्ट्राइक: 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला कर दिया था। इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली थी। इस हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने इसका बदला लिया। वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में मिराज 2000 लड़ाकू विमान बम बरसाए और आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस हमले में करीब 250 आतंकी मारे गए।
आर्टिकल 370: आर्टिकल 370 का जिक्र भाजपा जनसंघ के वक्त से कर रही है। यहां तक की जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसी मुद्दे को लेकर अपनी जान गंवा दी थी। मुखर्जी को जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने के विरोध में आंदोलन चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। 23 जून 1953 को श्रीनगर में उनकी जेल में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। 70 साल से लटका यह मुद्दा हर बार भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल होता था। लेकिन मोदी 2.0 में आर्टिकल 370 निष्प्रभावी किया गया। 5 अगस्त को राज्यसभा से बिल पास हो गया। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्रशासित राज्य बनने का भी रास्ता साफ हो गया।
तीन तलाक: दूसरे कार्यकाल का यह पहला सत्र था। मुस्लिम महिलाओं को अधिकार दिलाने और तलाक ए बिद्दत (यानी एक साथ तीन तलाक) से उन्हें आजादी दिलाने वाला ऐतिहासिक बिल 30 जुलाई को राज्यसभा से पास हुआ था। भाजपा को राज्यसभा में बहुमत नहीं था, लेकिन फिर भी इसके समर्थन में 99 वोट मिले थे।
नागरिकता संशोधन विधेयक: तीन तलाक और आर्टिकल 370 के बाद अब बारी थी नागरिकता संशोधन विधेयक की। भाजपा के घोषणा पत्र में ये मुद्दा भी हमेशा शामिल रहा। भाजपा ने इस सत्र में इसे पेश किया और दोनों सदनों में पास करा लिया। यहां एक बार फिर अमित शाह की रणनीति ही काम आई कि विपक्ष के विरोध और राज्यसभा में पूर्ण बहुमत ना होने के बावजूद यह आसानी से पास हो गया।
राम मंदिर: इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दशकों से फंसा अयोध्या विवाद भी खत्म हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए रामलला को विवादित जमीन का मालिकाना हक दिया। भाजपा भी हमेशा से अयोध्या में मंदिर बनाने के पक्ष में थी। साथ ही इसे घोषणा पत्र में भी शामिल किया जाता रहा। अब सुप्रीम कोर्ट के सरकार के पक्ष में फैसले से एक और वादा अपने आप ही पूरा हो गया।
यूएपीए एक्ट में संशोधन : इस साल जुलाई में दोनों सदनों से यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (संशोधन) विधेयक-2019 पास हुआ। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन गया है। अब आतंकी गतिविधियों में लिप्त या उसे प्रोत्साहित करते मिले किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित किया जा सकता है। साथ ही एनआईए उसकी संपत्ति जब्त कर यात्रा पर रोक लगा सकती है। पहले सिर्फ संगठन को आतंकी घोषित किया जा सकता था।
अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ली: मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के अंतिम दिनों में अलगाववादियों और घाटी के अन्य नेताओं का सुरक्षा कवर हटाने का फैसला किया था। पुलवामा में आतंकी हमले के बाद प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबी वाहिद मुफ्ती और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल, मौलवी अब्बास अंसारी और आगा सैयद मोस्वी की सुरक्षा वापस ली।
दस सरकारी बैंकों का विलय: मोदी सरकार ने बैंकिंग सुविधा में सुधार के लिए 30 अगस्त 2019 को दस सरकारी बैंकों के विलय से चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया। 2017 में 27 सरकारी बैंक थे, अब छह महीने की पूरी प्रक्रिया के बाद ये 12 रह जाएंगे।
नया मोटर वाहन अधिनियम लागू: 5 अगस्त 2019 को सरकार नया मोटर वाहन अधिनियम लाई। यह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद नया कानून बन गया। 1 सितंबर 2019 को इसे लागू किया गया। हालांकि, कई राज्यों ने इसे मानने से इनकार कर दिया। नए कानून के तहत जुर्माने की राशि दस गुना तक बढ़ाई गई। जनता ने इसका विरोध भी किया। लेकिन केंद्र का कहना है कि इससे लोग नियमों को मानने लगेंगे।
एसपीजी एक्ट : मोदी सरकार स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) संशोधन बिल को पास कराने में कामयाब रही। नए एक्ट के मुताबिक, सिर्फ प्रधानमंत्री को SPG सुरक्षा मिलेगी। इसके अलावा किसी भी विशिष्ट व्यक्ति को यह सुरक्षा नहीं दी जाएगी। इससे पहले सरकार ने गांधी परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी। हालांकि, इनके पास जेड प्लस सुरक्षा है।