नई दिल्ली. कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन 12वें दिन जारी है। सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पंजाब और हरियाणा के किसान डटे हुए हैं। किसान और सरकार के बीच शनिवार को 5वें दौर की बैठक हुई थी। बैठक में सरकार ने कहा था कि वह कृषि कानूनों में बदलाव के लिए तैयार है। लेकिन किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर डटे हुए हैं। ऐसे में यह बैठक भी विफल साबित हुई। किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया है। इसके अगले दिन यानी 9 दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच एक बार फिर बातचीत होगी। आईए फोटो में देखते हैं कि किसान सिंघु बॉर्डर पर किस तरह डटे हुए हैं। (फोटो- समाचार एजेंसी रायटर्स की हैं)
किसानों ने साफ कर दिया है कि उनके पास एक साल का राशन है। अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे इसी तरह बॉर्डर पर प्रदर्शन करते रहेंगे। (फोटो- प्रदर्शन में दौरान रोटी बनाते हुए किसान।)
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प्रदर्शन में शामिल होने आए किसान अपने साथ खाने पीने का सामान और बर्तन भी लाए हैं।
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प्रदर्शन स्थल पर किसान सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव की 551वी जयंती पर प्रार्थना करता हुआ।
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किसान अपने साथ टैक्टर ट्राली भी लेकर आए हैं। इन्हीं ट्राली में किसान रात गुजारते हैं।
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वहीं, सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में फोर्स भी तैनात किया गया है।
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इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला किसानों ने भी हिस्सा लिया है।
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प्रदर्शन स्थल पर किसानों के लिए लंगर की भी व्यवस्था की जा रही है।
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कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर पर बैठकर नारे लगाते किसान।
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सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने पहुंचे हैं।
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प्रदर्शन में शामिल किसान चाय और नाश्ते का आनंद लेते हुए।
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किसान अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रख रहे हैं। दो किसान अपने साथी के हाथ पैर खींचते हुए।
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पगड़ी बांधता किसान।
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किसान सिंघु बॉर्डर पर ही ढेरा डाले हुए हैं। वे यहीं खाते-पीते और रात में यहीं सो जाते।
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टिकरी बॉर्डर पर कपड़े धोता किसान।
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टिकरी बॉर्डर पर भी किसान प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए हैं।
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बस से प्रदर्शन में शामिल होने आईं महिला किसान।
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पुलिस ने बॉर्डर पर बैरिकेड लगा रखे हैं। इसके बावजूद किसान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं।
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प्रदर्शन स्थल पर ट्राली के नीचे आराम करता किसान।
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किसानों को रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इसके अलावा सुरक्षाबलों की भी तैनाती की गई है।
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किसानों के प्रदर्शन के चलते एनसीआर के कई राजमार्ग भी बंद हैं।
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27 नवंबर को किसान प्रदर्शनकारियों को राजधानी में घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था।
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सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान जुटे हुए हैं। यहां पंजाब हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों से भी किसान पहुंच रहे हैं।
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प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करती पुलिस।
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सिंघु बॉर्डर पर किसानों को यहां वहां करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोलों का भी इस्तेमाल करना पड़ा।
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दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए पुलिस को जगह जगह पर बैरिकेडिंग करनी पड़ी है।