निर्भयाः दोषियों को फांसी पर लटकाने के बाद करेंगे बेटी के हाथ पीले, पवन जल्लाद ने बताई यह बड़ी वजह
नई दिल्ली. फांसी की सजा पाए निर्भया गैंगरेप के दोषियों को 7 साल बाद फांसी पर लटकाने की तारीख सामने आ गई है। कोर्ट द्वारा जारी किए गए डेथ वारंट के मुताबिक 22 जनवरी, सुबह 7 बजे चारों दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा। इसे लेकर मेरठ शहर में रहने वाले पवन जल्लाद की खुशी का ठिकाना नहीं है।
डेथ वारंट जारी होने के बाद पवन जल्लाद ईश्वर के साथ-साथ, तिहाड़ जेल प्रशासन और उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय का बार-बार शुक्रिया अदा कर रहे हैं, क्योंकि निर्भया के दरिंदों को फांसी पर लटकाने के बाद उन्हें एक लाख रुपये मेहनताना के रूप में मिलेगी। साथ ही सबसे खास बात यह है कि पवन जल्लाद जिंदगी में पहली बार इतनी बड़ी रकम को देखेंगे। बताया जा रहा कि मेहनताने में हासिल इस रकम से पवन जल्लाद अपनी बेटी के हाथ पीले कराएंगे।
पवन जल्लाद ने कहा, 'इस वक्त मैं 57 साल का हो चुका हूं। मैंने अपने जीवन में इससे पहले कभी, इतनी बड़ी रकम फांसी के बदले मेहनताने के रूप में मिलती हुई न देखी न सुनी। कहने को भले ही मैं देश में खानदानी जल्लाद क्यों न होऊं। पवन ने कहा, 'मेरे परदादा लक्ष्मन जल्लाद थे। दादा कालू राम उर्फ कल्लू और पिता मम्मू भी पुश्तैनी जल्लाद थे। दादा ने रंगा-बिल्ला से लेकर इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह, केहर सिंह तक को इसी तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया था। मगर वो जमाना औने-पौने मेहनताने का था। आने-जाने का खर्चा और जेल में एक दो रात अच्छे से रहने के इंतजाम से ही हमारे पुरखे सब्र कर लेते थे।
निर्भया के हत्यारों को फांसी पर चढ़ाने को लेकर बेताब पवन जल्लाद ने कहा, 'पांच बेटियां और दो बेटे मतलब 7 संतान जिस पिता के सहारे हो, इस महंगाई के जमाने में, सोचिए उसकी जरूरतों का आलम क्या होगा?' पवन जल्लाद ने कहा 'इन चारों को फांसी पर लटकाने के बदले में एक लाख रुपये एक साथ हाथ में आने की उम्मीद बंधी है। मीडिया से बात करते हुए जल्लाद ने कहा कि यूपी जेल ने मुझे अलर्ट पर रहने और जिला न छोड़ने के लिए निर्देश दिया है।
पवन ने कहा निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के बदले में जो रुपए मिलेंगे उनसे बेटी की शादी करूंगा। कुछ और जरूरत हुई पैसों की तो जैसे बाकी तीन बेटियों की शादी के लिए उधार लिया था, वैसे इसके लिए भी आपसदारी में कुछ लोगों से ले लूंगा।
पवन जल्लाद ने मीडिया को बताया कि 'कई साल पहले भूमिया पुल मेरठ इलाके में पुश्तैनी मकान था, वो बारिश में ढह गया। उस दिन पत्नी मकान के मलबे में दब गई। बड़ी कोशिश के बाद उसे मलबे से निकाला गया, तभी से मैं अब मेरठ जिला प्रशासन से कांशीराम आवास योजना के तहत मिले एक छोटे से मकान में जिंदगी के दिन-रात काट रहा हूं। तीन बड़ी बेटियों की शादी को उधार लिए 5-6 लाख रुपये अभी तक नहीं निपटे। नकद पर ब्याज और चढ़ता जा रहा है।'
पवन जल्लाद ने कहा 'अब तो बस 22 जनवरी 2020 का इंतजार है, ताकि मैं तिहाड़ जेल जाकर उन चारों को लटका कर अपना एक लाख मेहनताना तिहाड़ जेल के अफसरों से ले सकूं।' पवन के मुताबिक, 'मुझे यूपी जेल विभाग से हर महीने 5 हजार रुपये मिलते हैं।