फांसी में 5 दिन, लेकिन कानूनी पचड़ों में फंसा 'न्याय'; जानें निर्भया के दरिदों पर हैं कौन से विकल्प
नई दिल्ली. निर्भया केस में दोषी मुकेश कुमार की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। इस दया याचिका को गृह मंत्रालय ने गुरुवार को राष्ट्रपति के पास भेजी थी। अब दोषी मुकेश के पास कोई विकल्प नहीं बचा है, क्यों कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उसकी क्यूरेटिव पिटीशन रद्द कर दी थी।
इससे पहले पटियाला कोर्ट ने 7 जनवरी को चारों दोषी विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार और पवन गुप्ता के खिलाफ डेथ वारंट दायर किया था। इन्हें 22 जनवरी सुबह 7 बजे फांसी दी जानी है। इस दौरान जज ने साफ कर दिया था कि वे इस दौरान कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी के चलते अब माना जा रहा कि फांसी की तारीख बढ़ सकती है।
मुकेश कुमार के दोनों विकल्प क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका रद्द हो चुकी हैं।
विनय शर्मा की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट रद्द कर चुका है। लेकिन विनय ने अभी दया याचिका दायर नहीं की है। उसके पास इसका विकल्प बचा है।
अक्षय सिंह - निर्भया के तीसरे दोषी ने ना तो अभी क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है और ना ही अभी दया याचिका दायर की है। अक्षय ने फांसी टालने की कोशिश करने के लिए अभी याचिका नहीं लगाई है।
पवन गुप्ता- अक्षय के अलावा पवन कुमार भी ऐसा है, जिसके पास अभी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका का विकल्प बचा है। वहीं, तिहाड़ प्रशासन ने भी कोर्ट में कहा है कि जब तक दोषियों पर कानूनी विकल्प बचे हैं, उन्हें फांसी अभी फांसी नहीं दी जा सकती।
दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से 6 लोगों ने बर्बरता पूर्वक सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। इसके बाद निर्भया ने 29 दिसंबर को सिंगापुर के अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।