कुछ IAS स्टेडियम में कुत्ता घुमाकर अपनी 'अफसरी' झाड़ते हैं, लेकिन इस डिप्टी कमिश्नर को सब सैल्यूट कर रहे हैं

गुवाहाटी. आमतौर पर IAS अफसरों के बारे में यही माना जाता है कि वे सिर्फ आदेश निकालते है, फील्ड में कम ही जाते हैं। अगर जाना भी पडे़, तो प्रशासन उनकी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखता है। लेकिन यहां ऐसा नहीं है। यह असम के कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली(Cachar deputy commissioner, Keerthi Jalli) हैं, जो बाढ़ग्रस्त इलाकों में लगातार घूमकर लोगों की मदद कर रही हैं। कई बार तो ऐसा होता है कि कीर्ति जल्ली का पहनावा और बोलचाल देखकर लोग इन्हें किसी गांव की साधारण महिला ही समझ लेते हैं। ये ऐसे-ऐसे इलाकों में जा रही हैं, जहां पहुंचना मुश्किलभरा हो गया है। कीर्ति जल्ली ने मीडिया से कहा कि वे लोग जिन दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, वे उन्हें ही समझने के लिए बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रही हैं, ताकि जिला प्रशासन और सरकार भविष्य के लिए बेहतर एक्शन प्लान बना सके। कीर्ति जल्ली के इन दौरों के कई फोटोज और वीडियोज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए हैं, जिसमें नेटिज़न्स(netizens) ने प्रभावित लोगों तक पहुंचने की प्रशंसा की है। नेटिजन्स यानी इंटरनेट पर अधिक समय बिताने वाले। बता दें कि असम के कई इलाके इस समय भीषण बाढ़ के बाद बहुत बुरे हालात से गुजर रहे हैं। बता दें कि हाल में 1994 बैच के आईएएस ऑफिसर संजीव खिरवार दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में कुत्ता घुमाने को लेकर विवादों में आए थे। सोशल मीडिया पर लोग कीर्ति जल्ली की तारीफ करते हुए लिख रहे हैं कि सारे IAS संजीव खिरवार जैसे नहीं होते।

Amitabh Budholiya | Published : May 28, 2022 2:30 AM IST / Updated: May 28 2022, 08:02 AM IST
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कुछ IAS स्टेडियम में कुत्ता घुमाकर अपनी 'अफसरी' झाड़ते हैं, लेकिन इस डिप्टी कमिश्नर को सब सैल्यूट कर रहे हैं

असम का कछार हाल में आई बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक है। जिले भर में 259 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। यहां करीब 54,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। डीसी कीर्ति जल्ली लगातार इनकी मॉनिटरिंग कर रही हैं। वे बाढ़ प्रभावित गांवों में मीलों पैदल चलकर या नावों से पहुंच रही हैं।

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छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अवनीश शरण ने कीर्ति जल्ली की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। अवनीश सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। इस बीच कीर्ति जल्ली ने कहा कि पिछले 50 सालों से लोग इस तरह बाढ़ से परेशान होते आ रहे हैं। वे इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने निकली हैं।

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कछार जिले के लोगों ने बताया कि यह पहला मौका है, जब कोई इतना बड़ा अधिकारी उनके गांवों का दौरा कर रहा है। लोगों ने कीर्ति जल्ली को बराक नदी के उफान से हर साल आने वाली बाढ़ के कारण होती आ रही तबाही के बारे में बताया।

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डिस्ट्रिक डिसास्टर मैनेजमेंट अथोरिटी(District Disaster Management Authority) कछार के अनुसार, इस वर्ष 291 गांवों में 163,000 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। कछार में 11,200 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 5,915 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न हो गया है।
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 डीसी कीर्ति जल्ली कहती हैं कि इस दौरे का मकसद है कि ऐसी योजनाओं पर काम किया जाए, ताकि भविष्य में नुकसान को कम किया जा सके।

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