100 साल बाद माफी, जलियांवाला बाग मेमोरियल में कैंटरबरी के आर्क बिशप हुए दंडवत
अमृतसर. ब्रिटेन के कैंटरबरी के आर्कबिशप मंगलवार को पंजाब स्थित जलियांवाला बाग मेमोरियल पहुंचे। यहां उन्होंने 1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार को लेकर माफी मांगी। आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी ने कहा कि वे उस नरसंहार के लिए बहुत शर्मिंदा और दुखी हैं। उन्होंने जमीन पर दंडवत लेटकर ईश्वर से प्रार्थना की।
Asianet News Hindi | Published : Sep 11, 2019 5:22 AM IST / Updated: Sep 11 2019, 11:01 AM IST
आर्कबिशप की मौजूदगी में मेमोरियल में एक सभा का भी आयोजन हुआ। जस्टिन वेल्बी ने प्रार्थना पढ़ी। उन्होंने कहा, "उनकी स्मृति जीवित रहेगी। मुझे शर्म आती है और यहां किए गए नरसंहार के लिए खेद है, एक धार्मिक नेता होने के नाते इस घटना पर शोक व्यक्त करता हूं।''
वेल्बी ने एक ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा, "मुझे अमृतसर पहुंचकर जलियांवाला बाग नरसंहार को लेकर शोक और गहरी शर्म का एहसास हुआ। 1919 में यहां बड़ी संख्या में सिखो के साथ हिंदू-मुस्लिम और ईसाई भी मारे गए। मेरी पहली प्रतिक्रिया नुकसान और क्रोध सह रहे लोगों के लिए प्रार्थना करना है।
उन्होंने कहा कि मैं ब्रिटिश सरकार का प्रवक्ता नहीं हूं। ना उनके लिए कुछ कह सकता हूं। मैं ईश्वर के नाम पर जरूर बोल सकता हूं। यह पाप और मुक्ति का स्थान है।
13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास स्थित जलियांवाला बाग में रॉलेट एक्ट के विरोध में एक सभा हो रही थी। उस दिन बैसाखी थी। यहां सैकड़ों लोग पहुंचे थे। उसी वक्त जनरल डायर 90 ब्रिटिश सैनिकों के साथ वहां पहुंच गया।