संग्रहालय के बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अपर सचिव नीरजा शेखर ने कहा कि संग्रहालय वर्षों से भारतीय सिनेमा के दिग्गजों के योगदान को दर्शाता है। “राष्ट्रीय भारतीय सिनेमा संग्रहालय एक ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। महामारी ने संग्रहालय जाने वालों और सिनेमा प्रेमियों को लंबे समय तक एनएमआईसी से दूर रखा है। अब हम यहां लोगों का फिर से स्वागत करना चाहते हैं। संग्रहालय पूरे भारत के सिनेमाजगत के दिग्गजों के योगदान को दर्शाता है, साथ ही, उपकरण और इंटरैक्टिव मीडिया आगंतुकों का ध्यान खींचता है।
संग्रहालय समय-समय पर अपना उन्नयन(विकास) करना जारी रखेगा और क्षेत्रीय सिनेमा से जुड़े नए-नए प्रदर्शों को जोड़ता रहेगा। हमारे सिनेमा की बहुत पुरानी परंपरा है, आजादी से पहले के दौर में भी हमारे देश में 13 भाषाओं में फिल्में बन रही थीं। हम बहुत उत्साहित हैं कि हम एनएमआईसी के माध्यम से अपनी सिनेमाई विरासत की इस विरासत और समृद्धि को प्रदर्शित करने में सक्षम हैं।"
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