संगठन के नेताओं के भाषण सुनने बैठे किसानों के गद्दे पूरी तरह भीग गए। वहीं, इसके चलते सीमाओं पर दिन भर के तय कार्यक्रमों को टालने की नौबत आ गई। इसके अलावा सिंघु, टिकरी, यूपी गेट और चिल्ला सीमाओं पर किसानों के लिए तैयार हो रहे खाने की व्यवस्था में भी असुविधा हुई। राशन और खाने की दूसरी चीजें रखे तंबुओं में पानी घुस गया, जिसकी वजह से खाने की प्रक्रिया में देरी हुई।