Published : Feb 25, 2020, 04:58 PM ISTUpdated : Feb 25, 2020, 05:24 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली में तीन दिनों से हिंसा हो रही है। सोमवार को हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई। वह गोकुलपुरी में पत्थरबाजों के शिकार हो गए। हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल को मंगलवार को आखिरी विदाई दी गई। उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक भी दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। घटना परआईपीएस एसोसिएशन ने शोक जताते हुए रतन लाल की तारीफ की और कहा कि यह एक उदाहरण है कि कैसे ड्यूटी को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए।
सोमवार को कॉन्स्टेबल रतन लाल की हिंसा में जान चली गई थी।
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उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा, हेड कांस्टेबल रतन लाल ने देश के लिए बलिदान दिया है। हमें उनके बलिदान पर गर्व है। हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं।
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शहीद कॉन्स्टेबल रतन लाल को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
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रतन लाल का शव ले जाते हुए।
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रतन लाल की दो बेटियां हैं। पहली बेटी सिद्धि और दूसरी बेटी कनक है। एक बेटा भी है, जिसका नाम राम है।
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रतन लाल के तीनों बच्चे एनपीएल स्थित दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल में पढ़ाई करते हैं।
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1998 में ज्वॉइन किया था दिल्ली पुलिस- दिल्ली के गोकुलपुरी थाना क्षेत्र के मौजपुर में पत्थरबाजी में घायल हुए पुलिसकर्मी हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल ने 1998 में दिल्ली पुलिस ज्वॉइन किया। रतन लाल राजस्थान के सीकर जिले के रहने वाले थे। बतौर कॉन्स्टेबल उन्होंने पुलिस ज्वॉइन किया। घटना के वक्त रतन लाल एसीपी/गोकलपुरी के कार्यालय में तैनात थे।
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रतन लाल अपने परिवार में कमाने वाले अकेले थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह बुखार के बाद भी ड्यूटी पर तैनात थे।
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रतन लाल को विंग कमांडर अभिनंदन की तरह मूंछ रखने का शौक था।