चमोली आपदा: जो लौटकर घर नहीं आए, उनकी फैमिली को रोते देखकर रेस्क्यू टीम ने झोंक दी जान

चमोली, उत्तराखंड. 7 फरवरी, 2021 की वो डरावनी सुबह, जब करीब 10 बजे ग्लेशियर टूटने के बाद ऋषिगंगा में मौत का सैलाब आ गया था। इस हादसे को बुधवार को 11वां दिन है। तपोवन स्थित NTPC की टनल से मलबा हटाने का काम अब भी जारी है। इस बीच 58 डेड बॉडीज और 24 मानव अंग मिल चुके हैं। 146 लोग अभी लापता है। इनमें से कई टनल में फंसे रह गए। अब उम्मीद कम है कि लापता लोगों में से कोई जीवित बचा होगा। लेकिन कहते हैं कि आस आखिरी सांस तक रहती है। इसी आस में लापता लोगों के परिजन टकटक बांधे, आंखों में आंसू लिए रेस्क्यू होते देखते रहते हैं। इन लोगों को रोता देखकर रेस्क्यू टीम मे लगे लोग भी भावुक हो उठते हैं। वे दिन-रात रेस्क्यू पर नजर रख रहे हैं। पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। उन्हें मानसिक संबल दे रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 17, 2021 5:13 AM IST
110
चमोली आपदा: जो लौटकर घर नहीं आए, उनकी फैमिली को रोते देखकर रेस्क्यू टीम ने झोंक दी जान

जब देश या लोगों पर कोई मुसीबत आती है, तो सब एकजुट होकर मदद को आगे आते हैं। अफसर, डॉक्टर और अन्य कर्मचारी भी अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ते। इनसेट में डॉ. ज्योति खांबरा दिखाई दे रही हैं। ये 8 महीने की प्रेग्नेंट हैं। ये ITBP में असिस्टेंट कमांडेंट मेडिकल ऑफिसर हैं। इनके पति आशीष खांबरा भी ITBP में ही असिस्टेंट कमांडेंट इंजीनियर हैं। ज्योति रेस्क्यू के दौरान सक्रिय देखी जा सकती हैं। वे अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए पीड़ितों का दु:ख-दर्द बांटने, उनका इलाज करने में लगी हैं। घटना के समय वे घर पर बैठी थीं, तभी पति का कॉल आया और घटना के बारे में बताया। वे तुरंत बटालियन में स्थित हॉस्पिटल में पहुंची। यहां से रेस्क्यू टीम में शामिल होकर घटनास्थल पर पहुंचीं। ज्योति तब से अब तक लगातार रेस्क्यू में सक्रिय हैं।

210

डा. ज्योति खांबरा बताती हैं कि घटनावाले दिन ही शाम 6.30 बजे तक 12 लोगों को NTPC की टनल से निकालकर हास्पिटल पहुंचा दिया गया था। इन लोगों का ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो गया था। इनकी देखभाल के लिए वे पूरी रात ड्यूटी पर तैनात रहीं। 

310

 बता दे कि डॉ. ज्योति मैटरनिटी लीव पर जा चुकी थीं। लेकिन घटना के बाद ड्यूटी पर लौट आईं। वे कहती हैं कि इस हादसे से उन्हें बहुत दु:ख पहुंचा। लेकिन इस बात की खुशी है कि वे कुछ लोगों को जिंदा बचा पाईं और लोगों की सेवा में अपना योगदान दे सकीं।

410

यह तस्वीर चमोली की जिला मजिस्ट्रेट स्वाति भदौरिया की है। वे यहां चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

510

बता दें कि 7 फरवरी यानी रविवार की सुबह करीब 10 बजे समुद्र तल से करीब 5600 मीटर की ऊंचाई पर 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का ग्लेशियर टूटकर गिर गया था। इससे धौलीगंगा और ऋषिगंगा में बाढ़ की स्थिति बन गई।

610

उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक, ग्लेशियर टूटने के बाद आई आपदा में 206 लोग लापता हुए थे। लापता लोगों को ऋषिगंगा, धौलीगंगा और आस-पास की नदियों में तलाशा जा रहा है।

710

ग्लेशियर टूटने के बाद आई बाढ़ से कई पुल-पुलिया बह गए। इससे गांवों का संपर्क टूट गया। यहां फिर से पुल बनाए जा रहे हैं। यह काम युद्धस्तर पर चल रहा है।

810

चमोली जिले के रैनी गांव में पानी के स्तर में बढ़ोत्तरी का पता लगाने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल(SDRF) ने लोगों को जागरूक करने एक अलार्म सिस्टम लगाया है।

910

NTPC की इसी टनल में कई लोग फंसे रह गए। टनल में इतना गीला मलबा भर गया कि उसे अब तक पूरी तरह नहीं निकाला जा सका है।

1010

हादसे को बुधवार का 11 दिन हो गए, इसलिए उम्मीद कम है कि लापता लोगो में से कोई जिंदा बचा होगा।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos