कर्नाटक. पृथ्वी पर बढ़ रहे प्रदूषण ने सबकी सांसे रोक कर रखी है। अपने फायदे के लिए वृक्षों की अंधाधुंध कटाई ने ग्लोबल वॉर्मिग बढ़ा दी है। लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो प्रकृति को बचाने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में कर्नाटक के पर्यावरणविद् ने समाज के सामने एक मिसाल पेश की है। 73 वर्षीय वेंकटगिरी ने हर्बल पौधों के महत्व को जीवित रख अपनी एक अहम भूमिका निभाने की कवायद में जुटे हुए हैं।