Published : Oct 07, 2019, 05:02 PM ISTUpdated : Oct 07, 2019, 05:03 PM IST
नई दिल्ली. भारत के रक्षा मंत्री सोमवार को फ्रांस के लिए रवाना हो गए। 8 अक्टूबर को फ्रांस और इसे बनाने वाली दसॉल्ट एविएशन कंपनी अधिकारिक तौर पर राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे भारत को सौंपेगा। लंबे वक्त से भारत इसके लिए इंतजार कर रहा है। आइए हम देखते हैं, कहां राफेल विमान बनकर तैयार हुआ है।
राजनाथ सिंह बतौर रक्षा मंत्री इस बार भी शस्त्र पूजा की परंपरा को जारी रखेंगे। राजनाथ सिंह दशहरा पर इस बार फ्रांस के पेरिस में राफेल की शस्त्र पूजा करेंगे।
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भारत ने फ्रांस और दसॉल्ट के साथ सितंबर 2016 में समझौता किया था। इसके तहत 59 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा हुआ था।
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बताया जा रहा है कि भारत में पहला राफेल मई 2020 तक आएगा। इससे पहले 10 भारतीय पायलटों को फ्रांस में इसे उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
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दसॉल्ट एविएशन फ्रांस की एयरक्राफ्ट मेनुफैक्टरिंग कंपनी है, जो इंटरनेशनल लेवल पर मिल्ट्री, रीजनल और बिजिनेस जेट बना कर बेचता है।
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दसॉल्ट की स्थापना 1929 में मार्सेल बलोच ने की थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, मार्सेल बलोच ने अपना नाम बदलकर मार्सेल दसॉल्ट रखा और 20 जनवरी 1947 को कंपनी का नाम बदलकर एवियन्स मार्सेल दसॉल्ट कर दिया गया।
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कंपनी ने राफेल के अलावा मिराज और फाल्कन जैसे लड़ाकू विमान भी बनाए हैं। मिराज का इस्तेमाल भारत समेत दुनिया के 9 देश भी कर रहे हैं। भारत के पास 51 मिराज 2000 हैं।
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राफेल एक आधुनिक विमान है। फ्रांस पिछले एक दशक से इसका इस्तेमाल कर रहा है। दसॉल्ट के पास 264 राफेल विमानों का ऑर्डर है। अभी 132 राफेल फ्रांस इस्तेमाल कर रहा है। जबकि भारत ने 36, कतर ने 24 और इजिप्ट ने 24 विमानों का ऑर्डर दिया है।
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राफेल एक फ्रेंच शब्द है जिसका हिंदी में अर्थ होता है तूफान। इस विमान की अधिकतम स्पीड 2,130 kM/h और मारक क्षमता 3700 Km तक है।
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राफेल में खास इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम भी लगा है, इससे दुश्मनों की लोकेशन भी पता लगाई जा सकती है। विमान 1 मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। इसमें 25,500 किलो तक वजन भी ले जाया जा सकता है।