15 साल की उम्र से व्हीलचेयर पर है यह कश्मीरी लड़की, अब लड़कों के साथ खेल पेश कर रही मिसाल

नई दिल्ली. कश्मीर की पहली व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्लेयर इंशा बशीर को खेल मंत्रालय ने युवा कार्यक्रम के तहत 6 लाख रुपए का फंड जारी किया है। यह फंड दीन दयाल उपाध्याय वेलफेयर के तहत दिया गया है। इंशा बशीर व्हीलचेयर बास्केटबॉल खेलती हैं। वे कई नेशनल इवेंट भी खेल चुकी हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2020 12:46 PM IST / Updated: Jan 03 2020, 06:19 PM IST

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15 साल की उम्र से व्हीलचेयर पर है यह कश्मीरी लड़की, अब लड़कों के साथ खेल पेश कर रही मिसाल
15 साल की उम्र में गंवाई चलने की ताकत: इंशा जब 15 साल की थीं, जब वे घर पर एक हादसे का शिकार हो गई थीं। वे अपने निर्माणाधीन घर पर गिर गई थीं, इसमें उनकी रीढ़ की हड्डी खराब हो गई। उनके मुताबिक, उसका जीवन बिखर गया। उसने रीढ़ की हड्डी की सर्जरी करवाई, लेकिन वह चलने में असमर्थ थी। पर्याप्त संसाधनों की कमी के चलते उसका जीवन एक व्हीलचेयर पर ही सिमट गया।
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2017 में नेशनल चैंपियनशिप में लिया हिस्सा: कश्मीर के बडगाम की रहने वालीं इंशा बास्केटबॉल में रुचि रखती थीं। उन्होंने 2017 में हैदराबाद में नेशनल चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया था। वे बताती हैं कि उस वक्त लड़िकियों के लिए अलग से टीम नहीं थी। उन्होंने लड़कों की टीम में खेला। उन्हें रेस्ट ऑफ इंडिया टीम में खेलने का मौका मिला था।
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कहां से मिली बास्केटबॉल खेलने की प्रेरणा: इंशा ने बताया, घाटी में रिहैबिलिटेशन सेंटर में वे देखती थीं कि उनसे बुरी स्थिति में भी लोग बॉस्केटबॉल खेलते हैं। उन लोगों ने इंशा से भी खेलने के लिए कहा। पहले उन्हें लगा कि वे नहीं खेल पाएंगी। लेकिन जब उन्होंने खेलना शुरू किया तो उन्हें अच्छा लगने लगा।
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एक कमरे में बिता दिए 8 साल: वे बताती हैं, मैंने अपने 8 साल एक कमरे में ही बिता गिए। मैं रोज अवसाद में घिरती जा रही थी। उन्होंने बताया कि मेरा पुनर्वास केंद्र में खेल की ओर आकर्षण बढ़ा। यह मेरे लिए जीवन बदलने वाला फैसला था।
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रोज करती हैं प्रैक्टिस: इंशा इस वक्त दिल्ली में रहती हैं। वे रोजाना जिम जाते हैं। रोज निश्चित डाइट को फोलो करती हैं। कोच के बताए निर्देशों का पालन करती हैं। साथ ही रोजाना अभ्यास भी करती हैं।
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