एयर होस्टेज की मौत ने इस नेता की जिंदगी को हिलाकर रख डाला, अब हारते-हारते बचा

चंडीगढ़. हरियाणा लोकहित पार्टी नेता गोपाल गोयल कांडा ने सिरसा सीट से जीत हासिल की है। जीत का मार्जिन 600 से कम था। दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी गोकुल रहा। हरियाणा की राजनीति में गोपाल कांडा एक बड़ा सनसनीखेज नाम है। करोड़पति कांडा की लाइफ और राजनीतिक करियर हमेशा सुर्खियों में रहा है। एक आम इंसान से राज्य गृहमंत्री बनना और उसके बाद जेल की सलाखों में खोई साख के साथ जीना, कांडा की जिंदगी के ऐसे सैकड़ों दिलचस्प किस्से हैं। वह एक जूता व्यापारी था और देखते ही देखते नेतागिरी और दलाली ने उसे समूचे हरियाणा का शेर बना दिया।

Asianet News Hindi | Published : Oct 24, 2019 1:37 PM IST
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एयर होस्टेज की मौत ने इस नेता की जिंदगी को हिलाकर रख डाला, अब हारते-हारते बचा
कांडा की लाइफ में राजनीति ही नहीं बल्कि रंगीनी भी काफी चर्चा में रही है। लड़कियों पर हद से ज्यादा मेहरबान रहने वाले कांडा के कई कांड देश भर में अखबारों और न्यूज चैनल की हेडलाइन बने थे। जिसके बाद ऐसे ही किसी यौन शोषण आरोपों में उसे जेल की भी हवा खानी पड़ी।
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साल 2006 में गोपाल कांडा ने जूता फैक्ट्री चल जाने के बाद ब्लिडर्स के बिजनेस से जमकर पैसा कमाया और एमडीएलआर नाम की एयरलाइंस कंपनी शुरू की। इसी हवाई कंपनी में कांडा ने कई लड़कियों को नौकरियां दी थीं। जिसमें एक नाम गीतिका शर्मा का भी था। एयरहोस्टेस और केबिन क्रू की भर्ती के लिए गीतिका गुड़गांव में इंटरव्यू देने आई थी। उसी इंटरव्यू में कांडा पहली बार गीतिका से मिला और इंटरव्यू खत्म होते ही उसे ट्रेनी केबिन क्रू के पद पर रखा लिया। फिर छह महीने बाद जैसे ही गीतिका 18 साल की हुई उसे एयरहोस्टेस बना दिया। कांडा गीतिका पर न सिर्फ मेहरबान था बल्कि पूरी तरह फिदा था। उसके फेवर से गीतिका कंपनी में सक्सेज की सीढ़ियां चढ़ती चली गई।
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तीन साल के अंदर ही गीतिका ट्रेनी से कंपनी की डायरेक्टर तक बन गई। कांडा गीतिका को लाइफ पार्टनर बनाना चाहता था इसलिए वह उसे चार गुना सैलरी की जॉब दे चुका था। दोनों का अफेयर था और गीतिका चाहती थी कि कांडा उससे शादी करे। पर आशिक मिजाज कांडा बहुत सी महिलाओं के संबंध चाहता था। गीतिका कांडा पर शादी के लिए दवाब बनाने लगी लेकिन वह दूसरी महिलाओं के साथ अफेयर्स करता रहा।
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फिर अचानक एक दिन गीतिका ने कंपनी छोड़ दी और दुबई निकल गई। गीतिका के दुबई जाते ही कांडा बौखला गया और फोन और मैसेज पर गीतिका को टॉर्चर करने लगा। कांडा ने उसे दिल्ली वापस आने पर मजबूर करने लगा लेकिन गीतिका आगे बढ़ चुकी थी। दिल्ली आने के बाद भी कांडा ने गीतिका का पीछा नहीं छोड़ा, इसी वजह से उसका दम घुटने लगा और उस लड़की ने सुसाइड कर लिया। गीतिका ने दो पेज का सुसाइड नोट लिखा जिसमें उसने कांडा पर यौन शोषण, धोखा, धमकाना मौत के लिए उकसाना और हत्या की साजिश जैसे कई गंभीर आरोप लगाए।
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एक स्कूल में गीतिका का ट्रस्टी के तौर पर नाम दर्ज था उसी स्कूल की डायरेक्टर अरूणा चड्डा थी, गीतिका और अरूणा एक दूसरे को फूटी आंख नहीं देख पाती थीं। दोनों के बीच हमेशा झगड़ा रहा जिसके बाद गीतिका केस में अंकिता का नाम भी शामिल रहा है, गीतिका ने सुसाइड नोट में अंकिता को भी जिम्मेदार ठहाराया था और कांडा के साथ मिले हुए होने की बात कही।
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फिर आरोपी अरुणा चड्ढ़ा ने इसमें कई खुलासे किए, अरुणा चड्ढ़ा ने बताया था कि, गोपाल कांडा गीतिका शर्मा के साथ केवल शारीरिक संबंध रखना चाहता था, जबकि गीतिका उससे शादी के लिए जोर रही थी। वह गीतिका के अलावा और महिलाओं से भी संबंध बनाए रखना चाहता था इसलिए गीतिका इस नाजायज रिश्ते से ऊब चुकी थी। उस समय कांडा एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में था। ऐसे में इस केस के बाद कांडा की साख धूमिल होने लगी। मामले की जाच हुई, फिर कांडा ने गिरफ्तारी के लिए खुद ही सरेंडर कर दिया। इस केस में मोड़ तब आया जब गीतिका की मां ने भी बेटी की तरह सुसाइड करके मौत को गले लगा लिया। गीतिका की मां ने भी अपने सुसाइड नोट में कांडा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कांडा को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया।
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