जानिए कितने जांबाज थे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, 4 महीने पहले इसी तारीख को राष्ट्रपति ने दिया था शौर्य चक्र

नई दिल्ली। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर (Coonoor) में हुए हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) के 7 दिन बाद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) का निधन हो गया। डॉक्टर्स के काफी प्रयासों के बाद भी वरुण की हालत में खास सुधार नहीं हो सका और बेंगलुरु के अस्पताल में बुधवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी। एयरफोर्स ने कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण ने गंभीर चोटों के वजह से दम तोड़ दिया। बता दें कि 8 दिसंबर को वरुण को हेलिकॉप्टर हादसे में घायल होने के बाद पहले वेलिंगटन के आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें बेंगलुरु शिफ्ट किया गया था। इस हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिता समेत 13 जवानों की मौत हो गई थी। आइए जानते हैं कैप्टन वरुण के बारे में...

Asianet News Hindi | Published : Dec 15, 2021 8:52 AM IST / Updated: Dec 15 2021, 02:46 PM IST
16
जानिए कितने जांबाज थे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, 4 महीने पहले इसी तारीख को राष्ट्रपति ने दिया था शौर्य चक्र

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (42 साल) गैलेंट्री अवॉर्ड विनर थे और सैन्य परिवार से आते थे। उनका परिवार तीनों सेनाओं से जुड़ा है- जल (Navy), थल (Army) और नभ (Air Force)। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इंडियन एयरफोर्स (IAF) से थे। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस (AAD) रेजिमेंट में थे। कर्नल केपी सिंह के दूसरे बेटे लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं। 

26

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने 12 अक्टूबर 2020 को फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बावजूद करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई से तेजस विमान की सफल लैंडिंग कराई थी। इसके लिए ठीक 4 महीने पहले आज ही तारीख में उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।
 

36

वरुण ने आपदा के समय धैर्य नहीं खोया और आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई थी। इस घटना के बाद वरुण के पिता कर्नल केपी सिंह ने कहा था कि मेरा बेटा बहुत बहादुर है। वह परिस्थितियों से लड़ना और जूझना जानता है।

46

शौर्य चक्र मिलने के एक महीने बाद सितंबर 2021 में वरुण ने उस स्कूल को चिट्ठी लिखी थी जहां से उन्होंने पढ़ाई पूरी की थी। इस चिट्ठी में वरुण ने बताया था कि वह कितने साधारण स्टूडेंट थे और कैसे उन्होंने खुद को एक शानदार करियर और असाधारण जिंदगी के लिए तैयार किया। 

56

ग्रुप कैप्‍टन वरुण बेहद अनुभवी पायलट थे। यही वजह है कि उन्‍हें शौर्य चक्र से सम्‍मानित किया गया था। ये शांति के समय में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पदक है। ये पदक उन्‍हें एलसीए तेजस की उड़ान के दौरान सामने आई इमरजेंसी में खुद को सावधानी से सकुशल बचाने के लिए दिया गया था। 12 अक्‍टूबर 2020 को वो तेजस की उड़ान पर थे। इस विमान को वो अकेले उड़ा रहे थे, तभी इस विमान में तकनीकी दिक्‍कत आ गई। काकपिट का प्रेशर सिस्‍टम खराब आने से लगातार हालात खराब हो रहे थे। उन्होंने बिना समय गंवाए स्थिति को संभालने के साथ-साथ सही फैसला लिया और बस्ती से दूर ले जाकर सफल लैंडिंग कराई।

66

इस चिट्ठी में कैप्टन वरुण सिंह ने स्टूडेंट्स के लिए ऐसी 5 बड़ी सीख दी थी जो हम सभी को एक शानदार करियर, लाजवाब शख्सियत और जीवन में ढेरों उपलब्धियों के लिए प्रेरित कर सकती है। वरुण का परिवार मूलरूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया का रहने वाला है। वहां परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं। इस घटना की सूचना मिलने के बाद सबसे पहले ग्रुप कैप्टन वरुण के छोटे भाई तनुज अपनी मां उमा सिंह के साथ वेलिंगटन के हॉस्पिटल पहुंचे थे।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos