हैदराबाद. भारत में कुंभ के बाद दूसरा सबसे बड़ा मेला 'मेदाराम जतारा' ट्राइबल फेस्टिवल तेलंगाना में 16 से 19 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने तेलंगाना के राजकीय त्यौहार मेदाराम जतारा को विशेष उत्साह के साथ मनाने में मदद की है। जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा मेदारम जतारा त्यौहार 2022 और जनजातीय संस्कृति उत्सव के लिए 2.26 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। त्यौहार के शुभ महत्व को ध्यान में रखते हुए जतारा को 1996 में एक राजकीय त्यौहार घोषित किया गया था। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने वर्ष 2018 और 2020 में आयोजित जतारों के लिए प्रत्येक वर्ष में 2.00 करोड़ रुपए जारी किए। धन का उपयोग मेदाराम जतारा की ब्रांडिंग और इसकी संगठनात्मक गतिविधियों जैसे एक सप्ताह तक चलने वाले राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य महोत्सव, फिल्म वीडियो वृत्तचित्रों का निर्माण, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मेदाराम जतारा को प्रचारित करने, मेदाराम जनजातीय संग्रहालय और सांस्कृतिक परिसर को मजबूत करने के लिए किया गया था। इसके अलावा, मंत्रालय ने जतारा अवधि के दौरान और अन्य मौसमों में स्थानीय आदिवासियों द्वारा कृषि गोदामों के रूप में सामुदायिक आश्रयों के उपयोग के लिए मेदाराम में तथा उसके आसपास के बहुउद्देश्यीय भवनों जैसे बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए अनुच्छेद 271(1) के तहत 2019-20 में 7.00 करोड़ रुपए और 2021-22 में 5.00 करोड़ रुपए स्वीकृत किए।