मेले के बारे में खास बातें
कोया जनजातीय त्योहारों, विभिन्न राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं, एमएसएमई इकाइयों को आर्थिक सहायता जैसी गतिविधियां भी व्यापक रूप से आयोजित की जाएंगी।
मेदाराम जतारा, कुंभ मेले के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा मेला है, जो तेलंगाना के दूसरे सबसे बड़े जनजातीय समुदाय- कोया जनजाति द्वारा चार दिनों तक मनाया जाता है।
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने वर्ष 2018 और 2020 में आयोजित जतारों के लिए प्रत्येक वर्ष 2.00 करोड़ रुपए जारी किए।
मंत्रालय ने जतारा अवधि के दौरान सामुदायिक आश्रयों के रूप में उपयोग करने के लिए मेदाराम में और उसके आसपास बहुउद्देश्यीय भवनों जैसे बुनियादी सुविधाओं की स्थापना के लिए अनुच्छेद 271(1) के तहत 2019-20 में 7.00 करोड़ रुपए और 2021-22 में 5.00 करोड़ रुपए स्वीकृत किए।
वर्तमान में, तेलंगाना सरकार के आदिवासी कल्याण विभाग के सहयोग से कोया जनजातियों द्वारा जतारा त्योहार द्विवार्षिक रूप से मनाया और आयोजित किया जाता है।
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने मेदारम जतारा 2022 से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए 2.26 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। मेदारम जतारा भारत का दूसरा सबसे बड़ा मेला है, जो तेलंगाना के दूसरे सबसे बड़े जनजातीय समुदाय- कोया जनजाति द्वारा चार दिनों तक मनाया जाने वाला कुंभ मेला है। इस वर्ष यह 16 से 19 फरवरी, 2022 तक मनाया जा रहा है। (Fille Photo)