नई दिल्ली. Afghanistan में Taliban सरकार के आने के बाद आतंकवादी गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ISIS-K के आत्मघाती हमले और अब तालिबान के कश्मीर को लेकर दिए विवादास्पद बयानों के बीच भारतीय सेना लगातार अपनी क्षमता बढ़ा रही है। किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों से निपटने भारतीय सेना तैयार है। ये तस्वीरें यही दिखाती हैं। ये तस्वीरें भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास काज़इंड-21 ट्रेनिंग (joint military exercise) की की हैं। नोड आयशा बीबी कजाकिस्तान में 1-10 सितंबर तक होगा।
यह सैन्य अभ्यास भारत-कजाकिस्तान की सेना के वार्षिक द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यास का 5वां संस्करण है और 10 सितंबर 2021 तक जारी रहेगा। अभ्यास का चौथा संस्करण सितंबर 2019 में भारत के पिथौरागढ़ में आयोजित किया गया था।
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इस दल में कजाकिस्तान के 120 सैनिक और भारतीय सेना के 90 सैनिक शामिल हैं। दोनों दल आतंकवाद रोधी अभियानों के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और कौशल साझा को परस्पर करेंगे।
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यह अभ्यास दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ते सैन्य और राजनयिक संबंधों को गति प्रदान करेगा। संयुक्त अभ्यास आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों के मजबूत संकल्प को भी दर्शाता है और उसी का मुकाबला करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की इच्छा को भी प्रकट करता है।
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भारत कई सालों से अपने मित्र देशों के साथ ऐसे सैन्य अभ्यास करता आ रहा है। इन सैन्य अभ्यासों के जरिये मित्र देशों को अपने युद्ध कौशल से अवगत कराना और उनकी तकनीक को जानना है।
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अभ्यास 8 और 9 सितंबर 2021 को निर्धारित 48 घंटे के संयुक्त सत्यापन अभ्यास में समाप्त होगा। सत्यापन अभ्यास दोनों सेनाओं के सैनिकों के लिए एक परीक्षण होगा, क्योंकि वे ऐसे परिदृश्यों में वास्तविक सैन्य अभियानों की चुनौतियों से गुजर रहे होंगे।