फडणवीस से अजीत पवार तक ये हैं महाराष्ट्र की 20 हॉट सीटें, जिन पर पूरे देश की नजरें हैं
मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के गुरुवार सुबह 8 बजे से रुझान आने शुरू हो जाएंगे। 288 सीटों वाले राज्य में भाजपा ने शिवसेना गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, कांग्रेस ने एक बार फिर एनसीपी का हाथ थामा। महाराष्ट्र में हरियाणा के साथ ही 21 अक्टूबर को मतदान हुआ था। हम 288 में 20 ऐसी हाईप्रोफाइल सीटों के बारे में बता रहे हैं, जिन पर पूरे देश की नजरें हैं।
Asianet News Hindi | Published : Oct 23, 2019 5:08 PM IST / Updated: Oct 24 2019, 08:21 AM IST
महाराष्ट्र चुनाव में 3,237 उम्मीदवार मैदान में हैं। इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक, इनमें से 916 यानी 29% उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 600 पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं।
4 उम्मीदवारों पर दुष्कर्म और 67 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मामले भी दर्ज हैं। एडीआर ने 3,112 उम्मीदवारों के एफिडेविट का विश्लेषण किया।
भाजपा और शिवसेना के 171 उम्मीदवार यानी 59.80% पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 118 (41%) पर गंभीर आपराधिक मामले हैं।
कांग्रेस-राकांपा के 263 उम्मीदवारों में से 156 (59.3%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 84 (32%) उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं।
निर्दलीय चुनाव लड़ रहे 1,359 उम्मीदवारों में से 280 (12%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इस चुनाव में 1007 उम्मीदवार करोड़पति हैं। 2014 की तुलना में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या कम हुई है। पिछली बार 1095 उम्मीदवार करोड़पति थे।
भाजपा उम्मीदवार पराग शाह के पास सबसे ज्यादा संपत्ति है। वे घाटकोपर ईस्ट से मैदान में हैं। उनके पास 500 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है।
दूसरे नंबर पर मालाबार हिल से भाजपा प्रत्याशी मंगल प्रभात लोढ़ा हैं, उनकी संपत्ति 441 करोड़ है।
43% यानी 1362 उम्मीदवार ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डॉक्टरेट और अन्य डिग्री लिए हुए हैं। 613 उम्मीदवार 10वीं पास भी नहीं हैं। 36 उम्मीदवार निरक्षर हैं।
यह चुनाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों के ठीक पांच महीने बाद हुआ है।
महाराष्ट्र में भाजपा मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है।
कांग्रेस अभी तक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया।
इस चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी के प्रचार की कमान शरद पवार के हाथ में थी। उन्होंने 60 रैलियां कीं।
भाजपा की ओर से पीएम मोदी ने 9 और गृह मंत्री अमित शाह ने 18 रैलियां कीं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिर्फ 5 रैलियां कीं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रचार में नहीं उतरीं।
2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने अलग अलग चुनाव लड़ा था।
उस वक्त भाजपा ने 122 और शिवसेना ने 63 सीटें जीतीं। चुनाव के बाद दोनों पार्टियों ने गठबंधन की सरकार बनाई।
पिछले चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने भी अलग अलग चुनाव लड़ा था।
कांग्रेस ने 2014 में 42 और एनसीपी ने 41 सीटें जीती थीं।