नई दिल्ली. बिहार के सीतामढ़ी में लालबंदी बॉर्डर के पास शुक्रवार की सुबह 9.30 बजे गांववालों और नेपाल सशस्त्र बल के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई। नेपाली पुलिस की फायरिंग में एक भारतीय की मौत हो गई। दो घायल हो गए। इस दौरान यहां के रहने वाले लगन राय को नेपाल पुलिस उठाकर ले गई। इसके बाद भारत और नेपाल के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद शनिवार को नेपाल पुलिस ने लगन को छोड़ दिया। भारत आने के बाद लगन ने पूरी आपबीती बताई।
लगन राय ने कहा- नेपाल पुलिस ने पहले मेरे बेटे के साथ मारपीट की, वजह पूछी तो मुझसे भी बदसलूकी की
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लगन ने बताया कि नेपाल पुलिस मुझे उठाकर संग्रामपुर ले गई। वहां मुझे राइफल की बट से मारा। वहां की पुलिस यह कबूलने के लिए कह रही थी कि मुझे नेपाल में पकड़ा। जबकि मुझे भारत से उठाकर लाया गया था।
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लगन ने बताया कि उसके बेटे की शादी नेपाल में रहने वाली लड़की से हुई है। बॉर्डर पर उसकी पत्नी अपनी मां से मिलने गई थी। बेटा भी उसके साथ गया था।
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लगन ने बताया कि बॉर्डर पर नेपाल पुलिस ने रोक लिया। पुलिस ने मेरे बेटे को डंडों से मारा। खबर मिलने पर मैं वहां पहुंचा।
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लगन ने बताया, खबर मिलने पर नेपाल पुलिस के अफसर ने 10 जवानों को मौके पर बुलाया। इन्हीं जवानों ने बॉर्डर पार से फायरिंग की, जिसमें एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई।
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भारत और नेपाल के बीच सीमा के नक्शे को लेकर तनातनी चल रही है। घटना सीतामढ़ी के सोनबरसा बॉर्डर इलाके के जानकीनगर गांव की है। जानकारी के मुताबिक भारत-नेपाल सीमा पर विवाद हुआ था, जिसके बाद नेपाल पुलिस की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गई।
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जनरल नरवणे ने कहा, हमारे नेपाल के साथ बहुत मजबूत संबंध हैं, हमारे भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक जुड़ाव हैं। उनके साथ हमारे संबंध हमेशा मजबूत रहे हैं और भविष्य में भी मजबूत बने रहेंगे।