निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए बुलाया गया यह अफसर, नाम सुनकर कांपते हैं अपराधी

नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है। निर्भया केस के चारों दोषी पवन, मुकेश, अक्षय और विनय अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं। यहीं चारों को फांसी दी जाएगी। जेल प्रशासन ने फांसी को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस दौरान फांसी की बाकी बची प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए स्पेशल पुलिस अफसर दीपक शर्मा को बुलाया गया है। शर्मा अभी मंडोली जेल में डिप्टी जेल सुपरिटेंडेंट पद पर तैनात हैं। उनके अलावा उनके साथ असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट जय सिंह को भी तिहाड़ में तैनात किया गया। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 19, 2020 12:10 PM IST

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निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए बुलाया गया यह अफसर, नाम सुनकर कांपते हैं अपराधी
दीपक शर्मा की पर्सनालिटी किसी बॉडीबिल्डर से कम नहीं है। इसी वजह से उन्हें बाउंसर के नाम से भी बुलाया जाता है। उनकी फिजिक किसी हीरो से कम नहीं है। दीपक शर्मा की मजबूत कदकाठी को देखकर कैदी भी कांपते हैं।
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दीपक शर्मा अपनी पुलिस की ड्यूटी से भी समय निकालकर अपने शरीर का पूरा ध्यान रखते हैं। वे रोजाना 4-5 घंटे वर्कआउट करते हैं। दीपक का फौलादी शरीर देखकर यह साफ दिखता है कि वे अपनी बॉडी का कितना ख्याल रखते हैं।
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दीपक शर्मा दिल्ली के ही रहने वाले हैं। उनकी पढ़ाई भी दिल्ली में ही हुई है। उन्होंने 2007 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से बीए किया। इसके बाद 2009 में उनका चयन दिल्ली पुलिस में हुआ। वे तिहाड़ जेल में बतौर असिस्टेंट जेलर भर्ती हुए थे।
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दीपक शर्मा 2013 से फिटनेस पर ध्यान दे रहे हैं। वे घंटों में जिम में पसीना बहाते हैं। दीपक देशभर में आयोजित होने वाली बॉडीबिल्डिंग की प्रतियोगिताओं में भी भाग लेते हैं। वे अभी तक कई मेडल भी जीत चुके हैं।
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दीपक शर्मा मिस्टर दिल्ली, मिस्टर यूपी, मिस्टर हरियाणा, वाईएमसीए में भी मेडल जीत चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने मिस्टर इंडिया में पिछले साल गोल्ड मेडल जीता था।
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हाल ही में दीपक ने मिस्टर ऑल इंडिया सिविल सर्विस प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया था। इसमें 25 राज्यों के सिविल सर्विस के अफसरों ने भाग लिया था। यहां उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
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पटियाला कोर्ट ने 5 मार्च को चौथा डेथ वारंट जारी किया। इसके मुताबिक, 20 मार्च को चारों दोषियों को फांसी दी जानी है। हालांकि, इससे पहले तीन बार डेथ वारंट जारी किया जा चुका है, लेकिन कानूनी दांवपेंच के चलते इसे टाल दिया गया।
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16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी। दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे।
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इसके बाद निर्भया का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चला था। जहां से उसे सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
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कोर्ट ने 6 आरोपियों को दोषी ठहराया था। एक नाबालिग था, जिसे 3 साल सुधारगृह में रहने के बाद छोड़ दिया गया। वहीं, एक अन्य दोषी राम सिंह ने जेल में ही फांसी लगा ली। अब चार दोषियों को फांसी दी जानी है।
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