जेल में शुरू की पढ़ाई, फेल होने पर छोड़ दी...जेल में ऐसे कटे निर्भया के दोषियों के 7 साल

नई दिल्ली. निर्भया केस में चारों दोषियों को फांसी देने की नई तारीख 1 फरवरी 2020 को सुबह 6 बजे तय की गई है। दोषी मुकेश सिंह की क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका दोनों खारिज हो चुकी है। लेकिन विनय शर्मा की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज और दया याचिका बची हुई है। वहीं दो अन्य दोषियों अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका दोनों बची है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद 1 फरवरी को भी फांसी न हो और तारीख टल जाए। इस बीच बताते हैं तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के दोषियों ने 2015 से अब तक क्या-क्या किया। उन्होंने कैसे जेल के अंदर ही पढ़ाई शुरू की और फेल होने के बाद छोड़ दी।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 18, 2020 6:20 AM IST / Updated: Jan 20 2020, 10:02 AM IST

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जेल में शुरू की पढ़ाई, फेल होने पर छोड़ दी...जेल में ऐसे कटे निर्भया के दोषियों के 7 साल
अक्षय ठाकुर : यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है।....मुकेश सिंह : निर्भया से गैंगरेप का दोषी मुकेश बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।.....पवन गुप्ता : पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।.....विनय शर्मा : निर्भया का दोषी विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्‍महत्‍या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।
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निर्भया के चारों दोषियों ने हत्याकांड के तीन साल बाद जेल में पढ़ाई शुरू की। दोषी विनय ने 2015 में बीए में दाखिला लिया।
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2016 में मुकेश, पवन और अक्षय ने ओपन स्कूल में दसवीं में दाखिला लिया।
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पढ़ाई के बाद तीनों ने परीक्षा भी दी, लेकिन पास नहीं हो पाए। उसके बाद सभी ने पढ़ाई छोड़ दी।
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जेल सूत्रों के मुताबिक विनय ने पेंटिंग में हाथ आजमाया था, लेकिन उसमें भी कामयाब नहीं हो पाया।
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जेल अधिकारियों के मुताबिक, दोषियों ने अपने परिवार से अंतिम मुलाकात के बारे में कोई बात नहीं की है। नवंबर के बाद से दोषी अक्षय ने अपने परिवार से मुलाकात नहीं की है। नवंबर में उसकी पत्नी जेल में मिलने आई थी। हालांकि वह फोन पर परिवार के लोगों से बात करता रहता है।
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दोषी मुकेश ने जनवरी में दूसरी बार अपनी मां से मुलाकात की। मां ने बेटे मुकेश से उसके केस के बारे में पूछा था। दोनों के बीच करीब आधे घंटे की मुलाकात की। पिता को देख रोने लगा दोषी विनयनिर्भया के दोषी हफ्ते में दो बार अपने परिवार से मिल सकते हैं। मंगलवार को विनय ने अपने पिता से मुलाकात की थी।
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दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।
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