कौन है यह शख्स, जो निर्भया के दोषियों और मौत के बीच बना दीवार, 3 मार्च को भी नहीं होने देगा फांसी!
नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों के वकील का कहना है कि लिख कर ले लीजिए, 3 मार्च को फांसी नहीं होगी। एक इंटरव्यू में वकील एपी सिंह ने कहा, अभी दोषियों के पास कई कानूनी विकल्प बचे हैं। अलग-अलग याचिकाएं लगाई जाएंगी। बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को नया डेथ वॉरंट जारी किया। 3 मार्च की सुबह 6 बजे चारों दोषियों को फांसी दी जानी है। चारों दोषियों में सिर्फ पवन के पास क्यूरेटिव और दया याचिका का विकल्प बचा है। मुकेश के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। विनय की दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। अक्षय की भी क्यूरेटिव और दया याचिका खारिज हो चुकी है।
Asianet News Hindi | Published : Feb 18, 2020 6:56 AM IST / Updated: Feb 18 2020, 01:13 PM IST
3 बार जारी हो चुका है डेथ वॉरंट : निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए यह तीसरी बार डेथ वॉरंट जारी हुआ है। इससे पहले 22 जनवरी और फिर 1 फरवरी को फांसी देने के लिए डेथ वॉरंट जारी हो चुका है, लेकिन दोषियों की याचिकाओं की वजह से फांसी नहीं हुई।
लखनऊ यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट एपी सिंह ने क्रिमिनोलॉजी में डॉक्टरेट किया है।
एपी सिंह 1997 से सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रहे हैं।
एपी सिंह को 2012 में तब पहचान मिली, जब वह निर्भया गैंगरेप मर्डर केस में साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से पेश हुए।
एक इंटरव्यू में एपी सिंह ने बताया था, उन्होंने अपनी मां के कहने पर ये केस हाथ में लिया था।
एपी सिंह ने बताया था, अक्षय की पत्नी अपने पति से मिलने के लिए बिहार से तिहाड़ जेल पहुंची थी। इसी दौरान किसी ने उसे मेरा मोबाइल नंबर दिया था। वह मेरे घर आई और मेरी मां से मिली।
मां ने कहा था, इस महिला को न्याय दिलाने के लिए यह केस लड़ना चाहिए।
एपी सिंह ने निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों को बचाने का सिलसिला साकेत से शुरू किया।
दोषियों के वकील एपी सिंह की बातें सुनकर निर्भया के पिता ने कहा, कोर्ट में एपी सिंह ने निराधार दलीले दीं। एपी सिंह दोषी को पागल बता रहे हैं, हमें लगता है कि एपी सिंह ही पागल हो गए हैं।